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Sunday, April 4, 2021

अक्षय फलदायी अक्षय तृतीया

 

(अक्षय तृतीया : १४ मई )

अक्षय तृतीया त्रेतायुग का प्रारम्भ दिवस, नर-नारायण का प्राकट्य दिवस, परशुरामजी का प्राकट्य दिवस, भगवान हयग्रीव का अवतार दिवस, किसानों के कृषि-कार्य का आरम्भ दिवस, नूतन वर्ष का प्रारम्भ दिवस है | किसान इस दिन को वर्ष के प्रारम्भ का शुभ दिन मानकर खेत-खलियान में प्रवेश करे तो उसे बरकत आने के शकुन मानते हैं |

अक्षय तृतीया भगवान बद्रीनाथ के पट खुलने का दिवस है तो आपके दिल के दिलबर के पट खुलने का दिवस भी है | हरि हमारे ह्रदय के पट खोलें | ‘हरि ॐ शांति...’ जितना प्रीतिपूर्वक होठों में जपते जाओगे, जप के अर्थ में शांत होए जाओंगे, उतना ही जो ह्रदय में छुपा बद्रीनाथ भगवान है उसके पट भी खुलने के दिन निकट आ जायेंगे |

इस दिन छाता, मटकी और भी चीज-वस्तुओं का दान करने का अक्षय फल तो होता है किंतु भगवान का ध्यान, जप करके अपना अहंकार दान करना तो महाराज ! उसका असीम फल होता है | अक्षय तृतीया को जो - जो करो उसका फल अनंत गुना होता है |

बच्चे-बच्चियाँ ! ध्यान देना बेटे ! अक्षय तृतीया के दिन किसी भी इच्छा से तुम जप करोगे तो वह अनंत गुना फल देगा | चाहे भगवान की प्रीति के लिए करो, चाहे भगवान के ज्ञान के लिए करो, चाहे भगवदरस के लिए करो, चाहे ब्रह्मचर्य पालने के लिए करो, चाहे कुटुम्ब में सुख-शांति के लिए करो.... जिसके लिए भी जप करोगे वह फलेगा |

ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२१ से

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