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Wednesday, May 5, 2021

गर्मी के दिनों में विशेष उपयोगी वरुण मुद्रा

 


लाभ : इस मुद्रा के अभ्यास से

(१) त्वचा पर झुरियाँ नहीं पड़तीं |

(२) खुजली का शमन होता है |

(३) प्यास, थकावट आदि का निवारण होता है |

(४) खून शुद्ध एवं रक्त-संचार सुगमता से होता है |

(५) हर प्रकार के त्वचा-संबंधी रोगों से बचाव होता है |

(६) आँखों में जलन, सुखी खाँसी आदि में तुरंत लाभ होता है |

(७) जल-तत्त्व की कमी से होनेवाली कई समस्याएँ दूर होती हैं |

(८) त्वचा सूखने से बचती हैं एवं ठंडी रहती है तथा कांतियुक्त बनती है |

 

विधि : पद्मासन, सिद्धासन या सुखासन आदि किसी आसन में बैठे जायें | कनिष्ठिका (सबसे छोटी) ऊँगली के अग्रभाग को अंगुठे के अग्रभाग से स्पर्श करायें | शेष तीनों उँगलियाँ सीधी तथा जुडी रहें |

समय : प्रतिदिन २० मिनट |

सावधानी : कफ – संबंधी बीमारीवाले यह मुद्रा अधिक देर तक न करें |

(इनकी विधि हेतु पढ़ें आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘योगासन |)

ऋषिप्रसाद – मई २०२१ से

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