१९ मई : बुधवारी अष्टमी ( दोपहर
१२:५१ से २० मई सूर्योदय तक )
२३ मई : त्रिस्पृशा-मोहिनी
एकादशी
२४ मई : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी
इसी दिन से वैशाखी पूर्णिमा ( २६ मई) तक के प्रात: पुण्यस्नान से सम्पूर्ण वैशाख मास-स्नान
का फल व गीता-पाठ से अश्वमेध यज्ञ का फल |
२६ मई : खग्रास व खंडग्रास
चन्द्रग्रहण (पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों में खंडग्रास दिखेगा, वही नियम पालनीय | कुछ प्रमुख स्थानों के
ग्रहण – समयों हेतु देखें लिंक : www.ashram.org/grahan
२ जून : बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय
से रात्रि १:१३ तक )
६ जून : अपरा एकादशी ( व्रत से
बहुत पुण्यप्राप्ति और बड़े-बड़े पातकों का नाश )
१३ जून : रविपुष्यामृत योग (
रात्रि ७:०१ से १४ जून सुयोदय तक )
१५ जून : षडशीति संक्रान्ति
(पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२:३९ तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का ८६,००० गुना फल)
ऋषिप्रसाद – मई २०२१ से
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