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Wednesday, May 5, 2021

कोविड – १९ की दूसरी लहर .....

 

आज देश कोविड-१९ की दूसरी लहर से जूझ रहा है | ऐसे में इस संबंधी आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देशों का पालन करें | भारतीय संस्कृति के अनुसार एक-दूसरे की दूर से ही हाथ जोडकर प्रणाम करें, हाथ न मिलायें | सावधानी रखें, घबरायें नहीं |

अपनाएँ ये सुरक्षात्मक उपाय

·       रोगप्रतिकारक शक्ति बढाने हेतु पूज्य बापूजी द्वारा बतायी गयी जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या का पालन करें | सुबह ९ से ११ एवं शाम ५ से ७ बजे के बिच भोजन कर लें |

·       भोजन ताजा, सुपाच्य व संतुलित मात्रा में करें | भोजन में हल्दी, जीरा, दालचीनी एवं धनिया का उपयोग करें | सोंठ या अदरक व काली मिर्च अपनी प्रकृति के अनुसार अनुकूलता देखकर लें | परिस्थितियों को देखते हुए अल्प मात्रा में लहसुन भी डाल सकते हैं | खुलकर भूख लगने पर ज्वार, बैंगन, करेला, सहजन (सरगवा) – इनका सेवन अपनी प्रकृति के अनुसार विशेषरूप से करें | टमाटर, फूलगोभी, अजवायन व संतरा रोगप्रतिकारक शक्ति बढाते हैं | अत: इनका उपयोग हितकारी हैं |

·       कोविड-१९ में कफ व वात की विकृति पायी जाती है | इससे कोई ग्रसित हों तो कफवर्धक आहार, जैसे – फल, चावल, दूध एवं दूध से बने पदार्थ, मिठाई एवं सूखे मेवे आदि न लें |

·       बाहर जायें तो नाक में तले लगा के जायें |

·       त्रिद्रोषशामक गिलोय का उपयोग लाभकारी हैं | गिलोय रस या २ ग्राम गिलोय चूर्ण सुबह गुनगुने पानी से लें | गिलोय से निर्मित संशमनी वटी का उपयोग भी लाभकारी है ( यह आश्रमों में आरोग्यकेद्रों पर या www.ashramestore.com के द्वारा प्राप्त हो सकती है ) |




·       रोगप्रतिकारक शक्ति बढाने हेतु तुलसी बीज टेबलेट तथा गिलोय से बनी सुरक्षा वटी का उपयोग करें | गोमूत्र अर्क, आँवला पाउडर, पंचरस, तुलसी अर्क, च्यवनप्राश का सेवन भी लाभदायी है | भय, शोक, चिंता, व्यसन, अधिक उपवास, रात्रि-जागरण, अधिक प्रवास आदि से बचें |



·       गौ-चंदन धूपबत्ती जलाकर उस पर देशी गाय के घी अथवा घानीवाले खाद्य तेल, नारियल तेल की बुँदे डालते रहें और कमरा बंद करके उस शक्तिशाली वायु में प्राणायाम करें, योगासन करें | पानी में गोमूत्र अथवा गोमूत्र अर्क मिला के एवं सप्तधान्य उबटन लगा के स्नान करें |



·       हल्दी-मिश्रित गुनगुने पानी से सुबह-शाम गरारे करें | अमृत द्रव की बुँदे कपड़े या रुई के फाहे पर ले के अथवा कपूर की पोटली बनाकर उसे सूंघें | नीम के पत्ते अथवा गोवर के कंडे का धुआँ करें | गोमुत्रयुक्त ‘गौ शुधि सुगंध (फिनायल) का पौंछा लगायें |

हितकारी काढ़ा :१ इंच दालचीनी का टुकड़ा, २ लौंग, ९ तुलसी-पत्ते व आधा चम्मच सोंठ, १५० मि. ली. पानी में डाल के धीमी आँच पर उबालें | १०० मि.ली. पानी बचने पर उतार लें | ८-१० दिन सुबह-शाम यह काढ़ा पियें | काढ़ा अगर गर्म पड़ता हो तो उसमें थोड़ी मुलेठी या पुदीना अथवा अडूसा के पत्ते मिला सकते हैं | उससे कोविड होने पर भी यह लाभकारी है |

·       कफ की समस्या हो तो ‘प्राणदा टेबलेट आश्रम में शीघ्र ही उपलब्ध होने जा रहा ‘उत्तम रसायन ले लें |

ऋषिप्रसाद – मई २०२१ से

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