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Friday, November 2, 2012

Diwali & kartik Maas Tips

Diwali :- 3th Nov' 2013
Kartik Mas:- 19th Oct to 17th Nov' 2013

परम पूज्य सदगुरुदेव द्वारा गत वर्षों में दिवाली के समय बताई गयी कुछ बातें -

१. कार्तिक मास में यह बातें करनी चाहिए (बहुत लाभ होता है) -

अ) तुलसीजी की मिट्टी का तिलक,
बी) गंगाजी का स्नान, अथवा तो प्रभात का स्नान (सूर्योदय के पूर्व ),
क) ब्रह्मचर्य का पालन, चटोरापन न हो,
डी) धरती पर शयन...

२. पूजा के स्थान पर मोर-पंख रखने से लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है...

३. तुलसी के पौधे के आगे शाम को दिया जलाने से लक्ष्मी वृध्ही में मदद मिलती है; गुरुदेव ने यह भी कहा की लक्ष्मीजी को कभी तुलसीजी नहीं चढाई जाती, उनको कमल चढाया जाता है |

४. दीपावली के दिन लौंग और इलाइची को जलाकर राख कर दें; उस से फिर गुरुदेव (की फोटो) को तिलक करें; लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है, बरकत होती है |

५. दीपावली की संध्या को तुलसी जी के निकट दिया जलायें, लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने में मदद मिलती है; कार्तिक मास में तुलसीजी के आगे दिया जलाना पुण्य-दाई है, और प्रातः-काल के स्नान की भी बड़ी भारी महिमा है |

६. दीपावली, जन्म-दिवस, और नूतन वर्ष के दिन, प्रयत्न-पूर्वक सत्संग सुनना चाहिए |

७. दीपावली की रात का जप हज़ार गुना फल-दाई होता है; ४ महा-रात्रियाँ हैं - दिवाली, शिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी - यह सिध्ध रात्रियाँ हैं, इन रात्रियों का अधिक से अधिक जप कर के लाभ लेना चाहिए |

८. दीपावली के बाद आने वाली देव-जगी एकादशी के दिन , संध्या के समय कपूर आरती करने से आजीवन अकाल-मृत्यु से रक्षा होती है; एक्सीडेंट, आदि उत्पातों से रक्षा होती है |

९. दीपावली के अगले दिन , नूतन वर्ष होता है ; उस दिन, सुबह उठ कर थोडी देर चुप बैठ जाएँ; फिर, अपने दोनों हाथों को देख कर यह प्रार्थना करें:

कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर-मध्ये च सरस्वती,
कर-मूले तू गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनं ||

अर्थात -
मेरे हाथों के अग्र भाग में लक्ष्मी जी का वास है, मेरे हाथों के मध्य भाग में सरस्वती जी हैं; मेरे हाथों के मूल में गोविन्द हैं, इस भाव से अपने दोनों हाथों के दर्शन करता हूँ...

फिर, जो नथुना चलता हो, वही पैर धरती पर पहले रखें; दाँया चलता हो, तो ३ कदम आगे बाधाएं, दांए पैर से ही; बाँया चलता हो, तो ४ कदम आगे बढायें, बाँए पैर से ही;

१०. नूतन वर्ष का दिन जो व्यक्ति हर्ष और आनंद से बिताता है, उसका पूरा वर्ष हर्ष और आनंद से जाता है |


Diwali & Kartik month tips
Diwali :- 3th Nov' 2013
Kartik Mas:- 19th Oct to 17th Nov' 2013


Some of the important aspects mentioned by Param Pujya Sadgurdev during last year's Diwali

1) Following things should be practised during the month of Kartik (very beneficial).

- Apply tilak of soil from a Basil plant
- Take a bath in river Ganga or take a bath in early morning (before sunrise)
- Maintain celibacy, avoid epicurean behavior
- Sleep on the floor

2) Keeping a peacock feather at the place prayer assists in gaining wealth in life.

3) Burning a lamp under Basil plant assists in gaining wealth in life. Also, be careful not to offer Basil leaves to Mother Lakshmi, one must offer lotus to her.

4) On the day of Deepawali, burn cloves and cinnamon and store the ashes. Then do tilak on Gurudev's portrait, helps in gaining wealth and good fortune in life.

5) On the evening of Deepawali, burning a lamp under Basil plant pleases Mother Lakshmi. Burning a lamp in month of Karthik is considered virtuous and taking bath in early morning has been widely glorified.

6) On the eve of Deepawali, your birthday and new year, one must take efforts to listen to Satsang.

7) Reciting on the night of Deepawali offers thousand times more fruits. The supreme nights are : Diwali, Shivratri, Holi, Janmashtami - These night are for realisation of your mantras and one must try to benefit from these nights through maximum amount of recitation.

8) On the evening of Devjagi Ekadashi  which falls after Deepawali, lighting a lamp made of camphor and offering prayers to Gurudev helps avert any accidental death or other troublesome instances in life.

9) New year's eve falls the next day after Diwali. On this day, sit down silently after waking up in the morning, then look at your hands and say the following prayer:

KARAAGRE VASATE LAKSHMI, KAR-MADHYE CHA SARASWATI |
KAR-MULE TU GOVINDAH, PRABHATE KAR DARSHANAM ||

which means:
Lakshmiji resides in the front section of my palms, Saraswati resides in the middle section of my palms, Govinda resides in the roots of my palms, I am watching both my palms with this feeling....

Then, observe the nostril through which breath is flowing. Keep your first foot on the floor from the same side. If on the right side, then take 3 steps forward using right leg and if on the left side, take four steps forward with left leg only.

10) One who spends the new year's day in happy mood, he spends the rest of the year all happy and joyfully.

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