गृहणी बेचारी आजकल ठगी जाती है वो प्लास्टिक की बिंदी लगाती है ,प्लास्टिक की बिंदी में जो चिपकाने का द्रव्य है वो मरे हुए जानवरों के अंगो का उपयोग करके बनता हैं , छि छि छि अपने भाग्य पर मरे हुए , कराहते हुए , बीमार तड़पते हुए ऐसे जानवरों के अंगो का उपयोग चिपकाने वाली बिंदी में लगता है ,गृहणियों को बहुत घाटा होता है |
- पूज्य बापूजी Amaravati 28th Feb' 2012
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