ब्रम्हाजी बोले," पुत्र, सुन्दर उपाय मिला है |कलजुग के लोगो को "कलौ तु कीर्तनात् " ऐसा उपदेश किया, फिर "कलीतरणौपनिषद" बना | उस में लिखा है कलजुग में लोग जो "कलीतरणौपनिषद" नहीं पढ़ सकते तो केवल " हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे " ऐसा जप करने से कलजुग के दोष मिट जाते है | नारदजी द्वारा विधि पूछे जाने पर ब्रम्हा जी ने कहा कि दूसरे किसी विधि की जरूरत नहीं | हरि नाम लेंगे तो कलजुग का प्रभाव उनपर से हट जायेगा और उनकी बुद्धि पवित्र होगी और पवित्र बुद्धि होने से कार्य पवित्र होते है, परिणाम पवित्र आता है |
- पूज्य बापूजी Shegaon 26th Feb' 2012
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