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Monday, August 27, 2012

गर्मी या सिरदर्द हो तो -

गर्मी है , एक लीटर पानी उबालो, उबालकर आधा लीटर हो जाये वो पीयो तो गर्मी का प्रभाव शांत हो जायेगा | फिर भी आँखे जलती है और गर्मी है तो एक कटोरी में पानी लो मुह में कुल्ला घुमाओ और आँख डुबाओ, दाही आँख-बाही आँख, आँखो के द्वारा गर्मी खिंच जायेगी, सिरदर्द की बहुत सारी बीमारियाँ इसीसे भी भाग जाती है |

Excessive heat and during headaches

If you are feeling excessively hot, boil a liter of water till it reduces to half, then drink this water after cooling it. This exercise will ease out the body heat. If you still have burning eyes, then take a mouthful of water and then dip your eyes in a bowl of water alternating between the left and right eyes. This will draw out any heat through the eyes, and also help alleviate numerous ill effects of a headache.

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- Pujya Bapuji Gwalior 22nd July 2012

भाद्रपद चौथ का चाँद देखे तो -

अगर भाद्रपद शुद्ध चौथ (  ९ सितम्बर २०१३  को ) तुमने चाँद देख लीया तो तुम्हारी खैर नहीं | नहीं तो कलंक लगेगा | चाँद न दिखे, तो न दिखे न दिखे भी दिख जाता है, तो ८ तारीख देख लेना | ९ का दिख जाये तो ८ तारीख का देखा हुआ है तो उसका प्रकोप कम होगा और 10 तारीख को भी देख लेना | ९ को न देखे तो अच्छा है लेकिन 10 तारीख का दिखा रहा है तो उसका पावर कम तो हो जायेगा और भागवत की कथा है भगवान पर मणि चुराने का जो कलंक लगा था वो कथा पढ़ने से भी कालंक अपना कम हो जाता है |

Accidentally watching the moon on fourth lunar day of Bhadrapad month

If you happen to accidentally watch the moon on the fourth lunar day of Bhadrapad month(falls on 9th September 2013), then brace yourself for trouble and disgrace. Irrespective of whether you make that mistake or not, make sure you watch the moon on 8th September, the day before. Then, the effect of that disgrace reduces partially. Make sure to watch the moon on 10th September. Also, reading or remembering the story of Lord and how he was disgraced by the false allegation of stealing the gemstones, will help reduce the effect of this stigma.

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Pujya Bapuji Gwalior 22nd July 2012

मीटिंग शरू करने से पहले –

जो लोग मीटिंग करते है तो – ॐ गं गणपतये नम: | ॐ हरये नम: | बोल के भगवान का स्मरण करते मीटिंग शुरू करे तो मीटिंग बहुत सार होती है |

Before starting a meeting

For all those who have to attend some meetings :

AUM GAM GANAPATAYE NAMAH |
AUM HARAYE NAMAH ||


Recite this mantra in remembrance of God and then start the meeting. This helps in keeping the meeting concise.

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- Pujya Bapuji Ahemdabad 7th July 2012

छाती जलती हो तो –

शरीर भारी भारी हो ....छाती जलती हो तो.... उपवास रखे और गुनगुना पानी पिये..... नीबू डाल के .....आराम हो जायेगा |

Feeling of a heavy body

If your body feels heavy..... or have burning chest problem........... Keep fast and drink luke warm water with a tinge of lemon..... This will surely provide relief.

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- Pujya Bapuji Kota 16th July 2012

बच्चे भोजन ठीक से ना करें तो –

पता है भोजन कैसा कराया जाता है बच्चों को | यूँ पड़ोस के दे दिया बेटा खा .... थोडा सा खा के तो बच्चे उठ जायेंगे | थोडा थोडा दो तो ज्यादा खायेगा...... ये तो खाता नही.... तू तो देती है भैंस जैसा तो खायेगा कैसा | जरा जरा दे ले .... बच्चे को कह इतना बढ़िया है की तू फिर माँगेगा..... तो बच्चे जितना खाते है न उससे दुगना खा लेंगे |

Serving children properly

Do you know how to serve food to children?? If you serve the complete meal, they will have a little and then walk away from it. Serve a little... then they will have more. If you serve them like a bull, then how will they feel like eating?

Offer the meal in small portions... and then they will ask for more as it tastes good.... If you do this, kids can even eat double their normal intake.

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Pujya Bapuji Etawah 25th July 2012

अग्निसार आसन -

आग्निसार आसन से भी बहुत फायदा होगा | वज्रासन में बैठ के स्वास बाहर निकाले और पेट को अन्दर- बहार करे सौ बार ये आग्निसार आसन है | इससे पेट की खराबी चली जायेगी और सोयी हुई शक्तियाँ जागृत होती है |

Agnisar Asana

Agnisar Asana offers a lot of benefits. Sit in Vajrasan, exhale completely and pump your belly inwards and outwards around 100 times, this is called as Agnisar asana. It has the capacity to remove all stomach related disorders and helps awaken hidden inner powers.

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- Pujya Bapuji Kota 16th July 2012

आईना टूटे ना रखे –

इसे टूटे हुये कंचों में चेहरा देखना अपशकुन माना जाता है | घर में आईना टूट गया हो तो उसको निकाल देना चाहिये दूसरा लगा देना चाहिए |

Do not keep broken mirrors at home

Watching your face on a broken mirror is considered as an ill omen. Make sure you replace mirrors in your home if it gets broken.

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- Shri Sureshanandji Ahmedabad 3rd July' 2012

Tuesday, August 21, 2012

आभूषण महत्व :-

कान में कुंडल, हाथों में बाजूबंद ये वीरता के गुण को विकसित करते है, शरीर सुडोल करने में मदत करते है, अलर्जी रक्षण करते है, पाचनतंत्र को ठीक करते है | कंगन जनेइंद्रिय को नियंत्रित रखते है, कामवासना में संतुलन लाते है और हृदय को पुष्ट करते है, इसलिये कंगन सोने के अथवा पंचधातु के पहनना भी स्वास्थ के लिए अच्छे माने गये है | अंगूठी उर्जा का विकास करती है, मानसिक तनावों से दूर रखती है, और हार पहनने से थायोरेड ग्रंथी (स्वसन तंत्र ) नियंत्रित होता है |

Importance of Jewellery

Wearing earrings and armlets encourages the character of bravery in us. It also helps make the body supple and prevents allergies while supporting digestive system. Bangles maintain the genital organs under control and helps keep sexual desires under check. It strengthens the heart as well. It is thereby advised to wear bangles made of gold or Panchadhatu -five metals. Rings enhance the internal energy and keeps mental tensions at bay. Wearing necklace helps ensure stable working of thyroid glands.


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- Pujya Bapuji's Satsang

गुस्सा बहुत आता हो तो -

गुस्सा बहुत आता हो तो धरती माता को अर्घ्य देना चाहिये कि माँ मै भी सहनशील बनूँ ....बात बात में गुस्सा न करूँ |

Anger management

If someone has a habit of getting angry easily, he should offer prostrations to Mother Earth and pray to become as tolerant as her....not get angry with any or every matter.

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- Shri Sureshanandji Surat 9th Aug' 2012

क्षमा याचना हेतु -

आपको लगता है की मेरे से ये गलती हुई है......तो ... हे! भगवान तू मुझे माफ़ कर, हे! गुरुदेव मुझे माफ़ करो ...... तो गीता का ये श्लोक... अठारवाँ आध्याय ६६वाँ श्लोक बोले , .... तो ये श्लोक दिन में कई बार बोले |
श्लोक - सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज |
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामी मा शुच: ||

Asking forgiveness

If you have committed any mistake and want to ask forgiveness to Guru or Lord... Then recite the following 66th shloka in the eighteenth chapter of Bhagvad Gita. Recite this as many times as possible while praying that Oh Lord! Please forgive me, Oh Gurudev! Please forgive me....

Shloka -
SARVADHARMANPARITYAJYA MAMEKAM SHARANAM VRAJA |
AHAM TVAAM SARVAPAPEBHYO MOKSHAYISHYAMI MAA SHUCHAH ||

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- Shri Sureshanandji Surat 9th Aug' 2012

Monday, August 20, 2012

शनि की शांति हेतु -

दधिची ऋषि ने निष्ठा रखी तो दधिची ऋषि के बेटे महर्षि पिप्‍पलाद जिनका नाम लेने से शनि देव की शांति हो जाती है | शनि का कोप हो तो महर्षि पिप्पलादजी का नाम स्मरण करने से शनि का कोप शांत होता है मतलब शनि की पनौती में..

To ease Shanidev's omen

Saint Dadhichi was highly devoted and by remembering Rishi Dadhichi's son Maharishi Pipplaad, one can obtain peace from Shanidev. By remembering Maharishi Pippalaad, any ill-omen cast by Shanidev eases out...

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Shri Sureshanandji Delhi 1st Aug 2012

पित्त से बचने –


अभी ये पित्त का सीज़न है | दूध में गुलाब शरबत (बिना शक्कर) डाल के पीने से पित्त का शमन होता है | गुलाब शरबत गुलाब के फूलों को रगडकर बनाया जाता है | (आश्रम में मिलता है )

Pitta related problems :-

This is the season of Pitta. To overcome this, drink milk mixed with Rose cordial (without sugar). Gulab sharbet (Rose cordial) is made by rubbing the rose petals. (Also, available from Ashram)

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- Pujya Bapuji Surat 9th Aug' 2012

पंचगव्य-पान–मंत्र -

पंचगव्य को देखकर ये मंत्र बोले –

ॐ यत्व् गति गतं पापं | देहे तिष्ठति मामके ||
प्राशनात पंचगव्याच
| दहत्वग्नी रिवेंद्रनम ||

" हे अग्निदेव! हमारे शरीर मे हड्डी मे जो भी रोग है उनके नाश करने के लिये हम पंचगव्य का पान कर रहे है | हमारे मन, बुद्धि के दोष और शरीर के दोषों को हरण करेंगे "....इसलिए ये पंचगव्य पान कर रहे, ऐसा देख कर मन में बोल के पंचगव्य पान करे |

Mantra while drinking Panchagavya

While looking at Panchgavya, recite this mantra -

AUM YATVYA GATI GATAM PAAPAM | TISHTAVA MAAMAVE ||
PRASHA NAAM PANCH GAVYAACH | DAHATVAAGNI RIVENDARM ||


"Oh, Lord of Fire, I am drinking this Panchgavya to eradicate all ailments in the bones of my body. Please take away all defects of our mind, intellect and body" .... hence I drink this Panchgavya. One must drink Panchgavya in this abovesaid manner.

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-Pujya Bapuji Surat 10th Aug' 2012

किसी की मृत्यु वक्त –

कहीं भी मृत्यु हो गई तो उसका तुम भला करना | तुलसी की सुखी लकडियाँ अपने घर में रख लो | कही भी अपने आड़ोस- पड़ोस में किसी की मृत्यु हुई तो उसके होठों पर, आँखों पर, शरीर पर, छाती पर तुलसी की सुखी लकडियाँ थोड़ी रख लो और तुलसी की लकड़ी से उसका अग्निदान शुरू करो | उसका कितना भी पाप होगा, दुर्गति से रक्षा होगी, नरकों से रक्षा होगी अथवा तुलसी की लकडियाँ न हो तो तुलसी की माला उसके गले में डाल दो, शव के.. मुर्दे के.. तो भी उसको राहत मिलेगी कर्मबंधन से | तुलसी के पत्ते उसके मुहँ में डाल दो | तुलसी का पानी जरा छिटक दो | हरी ॐ ॐ ॐ.. का कीर्तन कराओ | फिर हास्य न कराओ | हरी ॐ ॐ.. शांति ॐ.. तुम आत्मा हो | तुम चैतन्य हो | तुम शरीर नहीं हो | शरीर बदलता है | आत्मा ज्यों का त्यों | ॐ ॐ.. कुटुम्बयों को मंगलमय जीवन मृत्यु पुस्तक पढावो और कुटुंबी उसके लिए बोले क्योंकि मृतक व्यक्ति सवा दो घंटे के बाद मूर्छा से जगता है, जैसे आप मुर्दे देखते हो, ऐसे ही वो अपने मुर्दे शरीर को देखता है | तो सूचना दो | तुम शरीर नहीं हो.... तुम अमर आत्मा हो | मरनेवाले तुम नही हो| पिताजी,भाई,पड़ोसी जो भी हो मृत व्यक्ति का नाम ले के ये तो शरीर का नाम है आप अनाम है | शरीर साकार है, आप निराकार है | शरीर जड़ था तुम्हारे बिना भगू भाई ! मानो भागू भाई मर गए | ॐ ॐ.. आपने मृतक व्यक्ति की बड़ी भारी सेवा कर दी | उसके विचारों में आत्मज्ञान भरने का महापुण्य किया है |जो आत्मज्ञान देता है, वो तो ईश्वर रूप हो जाता है | आपका आत्मा तो ईश्वर रूप है ही है | कोई भी मर जाए, चाहे दुश्मन मर जाए, वैर मत रखो | उसकी सदगति हो, उसका भला हो |

On passing away of someone

If someone living nearby passes away, you must try to do good for him. Always keep dry branches of Basil in your home. When someone living nearby passes away, place those dry branches of Basil on his lips, eyes, on body or on the chest and initiate the pyre with those branches. Irrespective of his sins, he shall be saved from ill omen and hell. If one cannot find dry branches, then place a garland of Basil leaves around his neck...then also he will be relieved from bondage of his past doings. Drop a few Basil leaves in his mouth. Sprinkle Basil water on him. Do kirtan of Hari Om... Om... Om.... But do not do the Hasya (laughter) after that. Hari AUM AUM... Shanti AUM ... You are a soul. You are omnipresent. You are not this body. Body changes with time. Soul remains as it is. AUM... AUM... Let the relatives of the departed read "Jeevan Mrutyu" book. Then the relatives must also say, that the dead person when he wakes up after two hours and 15 minutes, he watches his body just like everyone else. Then inform him. You are not this body..... You are the eternal soul. You are not the one who dies. Father, son, brother, neighbour, etc. all these names belonged to that body, yet you are unnamed. Body is visible whereas you are incorporeal. Body is a dead object in your absence Bhagu Bhai! ... say Bhagu Bhai passed away. AUM.. AUM... Then you have done great service to the dead person. You have done the great service of inducing the thought of Self knowledge in that person's thoughts. One who delivers Self Knowledge, he becomes the embodiment of God. Your soul is already an embodiment of God. Irrespective of anyone who passes away, even if it is your enemy, do not hold any grudges. Pray for his safe departure and good fortune.

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- Pujya Bapuji Surat 10th Aug' 2012

गुरुदेव का स्मरण–प्रेम–अनुष्ठान –

गुरुदेव की ध्यान की एम्. पी. थ्री वगैरह सुनते हुये कभी गुरुदेव की तस्वीर को देखते रहे | फिर आँखों के द्वारा ऐसी भावना की कि मेरे गुरुदेव को मेरे भीतर ही ले जा रहा हूँ | मन से दूसरी चिंताएं और दूसरे लोगों का चिंतन नहीं निकलता हो ना ! तो गुरुदेव की तस्वीर को देखते देखते ये भाव किया कि मैं मेरे गुरुदेव को भीतर ले जा रहा हूँ और भीतर जो भी कचरा है मेरे-तेरे का वो जाये बाहर| ये भी कर सकते हैं | कभी अनुष्ठान किया जाए तो केवल माला का ही नहीं गुरुदेव के ही सुमरन-ध्यान-प्रेम आदि का अनुष्ठान २१ दिन, ११ दिन, ७ दिन| दिन में तीन बार गुरुदेव के सामने बैठ जाये और उनकी तस्वीर को निहारते –निहारते उन्ही में खो जाये | दूरी, भेद और भिन्नता को मिटाये, शरणागती और प्यार को सजीव बनाये | कभी ऐसा भी एक अनुष्ठान क्यों ना किया जाए |

Anushthaan - Remembrance of Gurudev and his Eternal Love

Meditate on Gurudev's picture while listening to meditation music mp3. Then imagine that I am inviting Gurudev inside me through my eyes. If you are troubled by different thoughts and are not able to get rid of thoughts about other people, then stare at Gurudev's portrait and imagine that I am drawing Him into myself and any garbage inside me is simultaneously thrown out! Sometimes one should try to do an anushthaan not only of malas but also of remembrance-love for Gurudev for 21 days, 11 days or 7 days. Atleast for three times a day, sit in front of Gurudev's portrait and dissolve yourself in His thoughts while staring at the portrait. This practice will eradicate the pangs of duality and evolve your submission and love. Let us all do one such anushthaan...

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- Shri Sureshanandji Surat 10th Aug' 2012

गर्भावती देवी के लिये – जन्माष्टमी व्रत –


जो गर्भवती देवी जन्माष्टमी का व्रत करती है..... उसका गर्भ ठीक से पेट में रह सकता है और ठीक समय जन्म होता है..... ऐसा भविष्यपुराण में लिखा है |

Janmashtami Vow - for pregnant ladies

All pregnant ladies who undertake the vow of Janmashtami.... Their womb grows properly and leads to normal and timely birth.... Such are the verses of Bhavishya Purana.

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- Pujya Bapuji Surat 10th Aug' 2012

चंद्रदेव अर्घ्य मंत्र –

चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय अगर ये मंत्र बोले तो अच्छा है |
चंद्रदेव अर्घ्य मंत्र :
ज्योत्‍सनापते नमस्तुभ्‍यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्‍यं मे प्रतिग्रह्यताम
ॐ सोमाय नम:

ॐ रोहिणिकांताय नम:

ॐ चन्द्रमसे नम:

क्षीरोदार्णव सम्भूतम अत्रिनेत्र समुद्भव ग्रहाणार्ध्‍यं शशांकेमं रोहिण्यांसहितोमम्

ॐ सोमाय नम:...... ॐ रोहिणिकांताय नम:


अगर ये मंत्र नहीं बोले तो केवल ॐ सोमाय नम: बोल सकते है |

Offering Prayers to the Moon

One must recite the following mantra while offering prayers to the Moon.

CHANDRADEV ARGHYA MANTRA:

JYOSNA PATEH NAMA STUBHAM NAMASTE JYOTISHAM PATEH NAMASTE ROHINIKANTAM ARGHYAM ME PRATIGRAHITAM

AUM SOMAYA NAMAH
AUM ROHINIKANTAYA NAMAH
AUM CHANDRAMASE NAMAH

SHREERODANARVA SAMBHOOTAM AGNINETRA SAMUDBHAVA GRAHANARYAM SHASHANKEMAM ROHINYAM SAHITOMAM

AUM SOMAYA NAMAH
AUM ROHINIKANTAYA NAMAH
AUM CHANDRAMASE NAMAH


If one does not remember this mantra, one can also simply say " AUM SOMAYA NAMAH".

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- Shri Sureshanandji Surat 9th Aug' 2012

Thursday, August 16, 2012

धन, आरोग्य प्राप्ति योग(6th September, 2013) :-

जो लोग हमेशा धन, आरोग्य, संतति, नौकरी आदि की चिंता से परेशान रहते है, जिनको नौकरी की चिंता, संतान की चिंता, आरोग्य की चिंता रहती है उनके लिए स्कन्द पुराण में बताया है कि भाद्र शुक्ल प्रतिपदा ६ सितम्बर २०१३  के दिन सुबह सुबह अपने गुरुदेव का भागवत भाव से "जो गुरु है वो शिव है, जो शिव है वो गुरु है" इस भाव से पूजन करे तो उसको बहुत लाभ होता है और मन्त्र बोले, श्लोक है-
प्रसीद देवदेवेश चराचर जगतगुरो वृषध्वज महादेव त्रिनेत्राय नमो नमः ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
इसका थोडा जप करे ।
ये शास्त्रोक्त उपाय करने चाहिए । दूसरे झंझटों में नही पड़ना चाहिए |

For good health and wealth

For all those who are constantly troubled with monetary, siblings, health or work related problems, they have been advised in Skanda Purana .... recite the following on 6th September, 2013 i.e. on Pratipada days of Bhadrapad month.
Get up early in the morning...Pray to your Gurudev....and realize that One who is Guru, he only is Shiva, One who is Shiva, he only is Guru and pray to Guru with this devoted feeling. All those who are stressed with mental tension, health realted ailments, must recite this mantra as follows:

PRASEED DEV DEVESHA CHARACHARAH JAGATGURO
VRUSHADWAJAH MAHADEV TRINETRAYE NAMO NAMAH
AUM NAMAH SHIVAY ...
AUM NAMAH SHIVAY...
AUM NAMAH SHIVAY ...

Recite this mantra few times and the you will not be troubled by above problems.

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- Shri Sureshanandji Surat 10th Aug' 2012

Tuesday, August 14, 2012

मनोकामनापूर्ति योग (10th Sep' 2012 ) –

देवी भागवत में व्यास भगवान ने बताया है.... भाद्रपद मास, नवमी तिथि, आद्रा नक्षत्र का योग हो ..... उस दिन अगर कोई जगदंबाजी का पूजन करता है, तो उसकी मनोकामनायें पूर्ण होती है , और जिंदगी जब तक उसकी रहेगी वो सुखी और संपन्न रहेगा | और वो दिन १० सितम्बर २०१२ को है | नवमी तिथि , भाद्रपद मास, आद्रा नक्षत्र सुबह ९ बजकर ५८ मिनट तक है बस उसके पहले जप कर लेना ......
ॐ अम्बिकाय नम :
ॐ श्रीं नम :
ॐ ह्रीं नम:
ॐ पार्वेत्येय नम :
ॐ गौराये नम :
ॐ शंकरप्रियाय नम :


थोड़ी देर तक बैठकर जप करना | और जिसको धन धान्य है, वो माँ से कहना मेरी गुरुचरणों में श्रध्दा बढे, भक्ति बढे (ये भी एक संपत्ति है साधक की) मेरी निष्ठा बढे मेरी उपासना बढे |

For fulfillment of desires

Lord Vyaas has described in Devi Bhaagwad.... Aadra Nashatra Yog falls on the ninth day of the Bhadrapad month. If one worships Maa Jagadambaji, then all his desires are fulfilled and shall be happy and prosperous for the rest of his life. This day falls on 10 September 2012. This navami tithi in Bhadrapad month, Aadra Nakshatra lasts only till 9:58 am on that morning. So, the following japa must be completed before this time.
aum ambikaay namah
aum shrim namah
aum hrim namah
aum parvatyay namah
aum gauraye namah
aum shankarpriyaay namah
Do silent japa for some time. One who is already rich should pray to mother to increase your devotion towards Gurudev's feet. Devotion is also a great asset. Pray that 'my dedication towards spiritual practices keep growing'.


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- Shri Sureshanandji Delhi 2nd Aug' 2012

Monday, August 13, 2012

सफ़ेद दाग का ईलाज –

सबसे पहली बात विरुद्ध आहार छोड़ दो ( सब्जी-रोटी खाये और ऊपर से थोड़ी देर बाद दूध पी लिया, दूध पिया है फिर थोड़ी देर बाद कुछ खा लिया नमक मिर्च वाला ) ..... सफेद दाग हो वे .... एक मुट्ठी काले चने, १२५ मिली पानी में डाल दे सुबह ८-९ बजे डाल दे.... उसमे १० गरम त्रिफला चूर्ण डाल दे, २४ घंटे वो पड़ा रहे ...ढक के रह दे ... २४ घंटे बाद वो छाने जितना खा सके चबाकर के खाये.... सफ़ेद दाग जल्दी मिटेंगें और होमियोपैथीक दवा लें, सफ़ेद दाग होमियोपैथी से जल्दी मिटे है |

Cure for albinism

Firstly, abstain completely from conflicting foods (Like drinking milk shortly after having roti and vegetables with salt /spices)..... If suffering from white albinism, do the following at around 8-9 am in the morning. Take a handful of black chana and soak it in 125 grams of water .... add 10 grams of Triphala Churna. Cover it up and let it settle for 24 hours. Take as much as you of these chanas after 24 hours.... The ailment will get cured soon. Also, take homeopathic medicines as white albinism gets cured easily by homeopathy.

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- Shri Sureshanandji Delhi 2nd Aug' 2012

पेनकिलर और एंटीबायोटीक से सावधान –

पेनकिलर कभी ना खायें …. अगर किडनी बढ़िया रखनी है तो | पैरासिटामॉल कभी ना खायें .... अगर शरीर, पेट आदि सभी अच्छा रखना है तो…. वो तो टी.वी. पे ऐसे ही दिखाते है "क्या हुआ सर दर्द हुआ कुछ लेते क्यों नही ? हाँ पैरासिटामॉल, आह अच्छा हुआ | " अच्छा नही हुआ पैरासिटामॉल से नही हुआ उसे रुपया मिला था... वो तो एक्टिंग कर रहा था और तुम सचमुच में खाकर ओर बीमार हो जाओ | पैरासिटामॉल है, पेनकिलर है, एंटीबायोटीक है, हे भगवान! बचके रहना इन एंटीबायोटीकों से और पेनकिलर से | घर पे पड़ी हो तो गटर में फेंक देना किसी को मुफ्त में भी मत देना |
फीके दूध में (गरम दूध हो) हल्दी डालकर पियो एंटीबायोटीक का बाप है | कभी एंटीबायोटीक की जरुरत पड़े तो शुद्ध हल्दी हो गरम दूध ...शक्कर न डाला हुआ उसमे मिलके पियो | दूध का दूध एंटीबायोटीक का एंटीबायोटीक ...बढ़िया हो जायेगा | पेनकिलर दर्द होता है तो थोडा खानपान में ध्यान रखे ..जौ का दलिया और जौ के अट्टे की रोटी खायें, तो शरीर में अन्दर जहाँ भी सुजन है जिसके कारण तकलीफ होती है वो चली जायेगी | जो आदमी जौ का दलिया और जौ की रोटी खाता है उसको बुढ़ापे में और जब तक जीयेगा तब तक किडनी ख़राब नहीं होती|

Beware of painkillers and antibiotics :-

Never take painkillers... if you want to keep your kidneys in healthy condition. Never have paracetamol if you want to keep your body and stomach in healthy condition. They causally show on TV that " What happened? Is it Headache? Why don't you take something? Yes, Paracetamol... Relief!". There is no benefit from Paracetamol. The guy on the TV was just acting and got paid for it. Whereas you are one who will be actually having it and falling ill. You must stay away from these antibiotics and pain killers. If they are lying around somewhere in the house, throw them away in the drain. Don't even offer them for free to anyone.

If you add turmeric to warm milk, it is the king of all antibiotics. But make sure not to add any sugar to that milk. You will get all benefits of drinking milk and will also act as antibiotic. If you are suffering from pain, then have dahlia made from barley(jau) or roti made from barley (jau)...then it has the power to get rid of any swelling and pain in the body. One who has dahlia made from barley(jau) or roti made from barley(jau), he will have a healthy kidney even in old age.


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- Shri Sureshanandji Delhi 2nd Aug' 2012

Friday, August 10, 2012

बुढ़ापे की कमजोरी दूर रखने के लिये –

जो बुढ़ापा आये ...कमजोरी है... तो रात को पानी में बला औषध (आश्रम के वैध्य पास है ) १० ग्राम बला पानी में भिगो देना| ये पानी सुबह उबालकर पिये तो शरीर में सप्तधातु बढते है | आरोग्य में प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है |

To overcome weakness at old age :-

Weakness sets in at old age. In such cases, soak 10 grams of Bala medicine (available from medical practitioners at ashram) overnight in water. Drinking this water in the morning after boiling helps increase the seven fluids in the body. Health will start improving due to increased immunity power.

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- पूज्य बापूजी Delhi 1st Aug' 2012

बच्चे को कफ संबंधी बिमारिया होती तो –

गोलियों का गुलाम मत बनो | जो कफ सिरप बच्चों को पिलाया तो डॉक्टर के यहाँ जाना नही पड़ेगा | बच्चों को गड़बड़ हुई तो कफ सिरप पिलाया थोड़ा-सा १-२ दिन.. उलटी हो गई, दस्त हो गई, कोई चिंता की बात नहीं | कफ सिरप अथवा तुलसी वटी १-१ गोली, छोटा बच्चा हो तो १ गोली और बड़ा बच्चा है १०-१२ साल का तो २ गोली देना | कफ सिरप, तुलसी वटी और १ लीटर पानी उबाल कर २५० ग्राम करके देना बच्चों को एकदम फायदा होगा| कोई दवाइयाँ की जरुरत नहीं | १/४ पानी हो जाये तो बच्चों की दमा, टी.बी., कफ संबधी बीमारी बंद हो जाएगी | आधा पानी हो जाये तो पित संबधी बीमारी मिट जाएगी | पौना लीटर पानी हो जाये तो वायु सबंधी सभी बीमारी मिट जाएगी |

Children's ailments related to cough :-

Dont be a slave of tablets. If children are given cough syrup for a few days, then he will not have to visit the doctor. If he feels like vomiting or has diarrhea, do not worry. Cough syrup or Tulsi Vati 1-1 tablet will suffice. If its a small child, give him one tablet and 2 tablets for children above 10-12 years of age. Giving children 250 grams from a mixture made by boiling cough syrup, Tulsi Vati in one litre of water can be highly beneficial. There is no need for any other medicines. When the water boils down to a quarter, asthma and cough related ailments will disappear. When the water is reduced to half, it can cure Pitta related ailments. If the water is boiled to three-quarters of its original volume, it can be used to cure Vayu related diseases.

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- पूज्य बापूजी Delhi 1st Aug' 2012

अशुद्ध आत्मा से बचने

गाय २४ घंटा सात्विक ओरा फेंकती | गोझरन व गोबर लेकर कभी स्नान कर लिया करो |गाय झरन जहाँ झारते वहां अशुद्ध आत्मा प्रवेश नहीं होते |

To protect oneself from unholy souls :-

Cows emanate pure aura for the entire 24 hours. Take a shower using cow's urine or cow dung. Impure souls can never enter the place where cow's urine falls upon.

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- पूज्य बापूजी Delhi 1st Aug' 2012