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Monday, August 20, 2012

पंचगव्य-पान–मंत्र -

पंचगव्य को देखकर ये मंत्र बोले –

ॐ यत्व् गति गतं पापं | देहे तिष्ठति मामके ||
प्राशनात पंचगव्याच
| दहत्वग्नी रिवेंद्रनम ||

" हे अग्निदेव! हमारे शरीर मे हड्डी मे जो भी रोग है उनके नाश करने के लिये हम पंचगव्य का पान कर रहे है | हमारे मन, बुद्धि के दोष और शरीर के दोषों को हरण करेंगे "....इसलिए ये पंचगव्य पान कर रहे, ऐसा देख कर मन में बोल के पंचगव्य पान करे |

Mantra while drinking Panchagavya

While looking at Panchgavya, recite this mantra -

AUM YATVYA GATI GATAM PAAPAM | TISHTAVA MAAMAVE ||
PRASHA NAAM PANCH GAVYAACH | DAHATVAAGNI RIVENDARM ||


"Oh, Lord of Fire, I am drinking this Panchgavya to eradicate all ailments in the bones of my body. Please take away all defects of our mind, intellect and body" .... hence I drink this Panchgavya. One must drink Panchgavya in this abovesaid manner.

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-Pujya Bapuji Surat 10th Aug' 2012

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