बच्चों को यंत्र के
बल से मत जगाओ | अलार्म की ध्वनि अथवा ‘ऐ उठो, उठो, ६ बज गये, ५ बज गये, ७ बज गये ....’
खटखट करके उठाने से ये बच्चे आपके लिए दुःखदायी हो जायेंगे | सुबह बच्चों को उठाओ
तो कैसे उठाओ ? पहले आप शांत हो जाओ, आप प्रकाश में आ जाओ, अमृतमय ईश्वर में आ जाओ
| बच्चों की गहराई में जो परमेश्वर है वह मोहन है, गोविंद है, गोपाल है, राधारमण
है | ‘राधा’, उलटा दो तो ‘धारा’, वृत्ति की धारा उलटा दो | धारा के द्वारा वह
चैतन्य ही तो उल्लसित हो रहा है | बच्चों में भी गहराई में परमात्मा की भावना करो,
फिर बोलो :
जागो मोहन प्यारे,
जागो नंददुलारे |
जागो गोविंद प्यारे,
जागो हरि के दुलारे ||
जागो लाला प्यारे,
लाली दुलारी ......
बच्चे – बच्चियाँ उस
परमात्मा की स्मृति से मधुमय हो जायेंगे तो तुम्हारे लिए भी सुखद होंगे और समाज के
लिए भी |
सामूहिक रूप से
लोगों को जगाना हो तो कहें :
जागो लोगो ! मत सुओ,
न करो नींद से प्यार |
जैसा सपना रैन का, वैसा
ये संसार ||
श्रीराम जय राम जय
जय राम |
गोविन्द हरे गोपाल
हरे, जय जय प्रभु दीनदयाल हरे |
सुखधाम हरे आत्माराम
हरे, जय जय प्रभु दीनदयाल हरे ||
स्त्रोत
– ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१६ से
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