मरणासन्न व्यक्ति के
सिरहाने गीताजी रखें | दाह – संस्कार के समय ग्रन्थ को गंगाजी में बहा दें, जलायें
नहीं |
मृतक के अग्नि – संस्कार की शुरुआत तुलसी की लकड़ियों से करें अथवा उसके
शरीर पर थोड़ी – सी तुलसी की लकडियाँ बिछा दें, इससे दुर्गति से रक्षा होती है |
स्त्रोत
– ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१६ से
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