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Tuesday, July 5, 2016

इन तिथियों का लाभ लेना न भूलें

१० जुलाई : रविवारी सप्तमी ( दोपहर ३ – ०९ से ११ जुलाई सूर्योदय तक )

१५ जुलाई : चतुर्मास व्रतारम्भ

१९ जुलाई : गुरुपूर्णिमा, संन्यासी चतुर्मासारम्भ, ऋषिप्रसाद जयंती  

२७ जुलाई : बुधवारी अष्टमी ( सूर्योदय से दोपहर ३ – ३३ तक )

३० जुलाई : कामिका एकादशी ( व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है | व्रत से सम्पूर्ण पृथ्वी के दान के समान फल मिलता है | यह एकादशी सब पातकों को हरनेवाली है तथा इसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है | )

१० अगस्त : बुधवारी अष्टमी ( सुबह १० – ३९ से ११ अगस्त सूर्योदय तक )

१४ अगस्त : पुत्रदा एकादशी ( व्रत से मनोवांछित फल प्राप्त होता है | इसका माहात्म्य सुनने से मनुष्य पाप से मुक्त हो जाता है तथा इहलोक में सुख पाकर परलोक में स्वर्ग की गति को प्राप्त होता है | )

१६ अगस्त : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : दोपहर १२ -१५ से शाम ६ – ४१ तक )  इस दिन किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | - पद्मपुराण

१८ अगस्त : नारियली पूर्णिमा, रक्षाबंधन ( श्रावणी पूर्णिमा पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है | इसे वर्ष में एक बार धारण करने से मनुष्य वर्षभर रक्षित हो जाता है | - भविष्य पुराण )


स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१६ से 

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