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Sunday, January 7, 2018

शक्ति, पुष्टि का भंडार व प्रकृति का एक विशेष उपहार – गाजर

शक्ति का भंडार, पौष्टिकता से भरपूर और सुपाच्य गाजर प्रकृति का एक विशेष उपहार है | इसमें रोगों के आक्रमण से व्यक्ति को सुरक्षित रखने का विशेष गुण है | बवासीर, क्षयरोग (टी.बी.), कफ एवं वायु संबंधित रोगों में गाजर का सेवन अत्यंत हितकारी है |

आधुनिक अनुसंधानो के अनुसार गाजर एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन ‘ए’,’सी’ एवं ‘के’ तथा पोटैशियम, कैल्शियम, लौह व ताम्र तत्त्व एवं मैंगनीज का अच्छा स्त्रोत है |

कैसे रखती है स्वास्थ्य का खयाल ?
v मधुमेह में : इसमें ऐसे तत्त्व पाये जाते हैं जो मानव-शरीर में निर्मित इंसुलिन से मिलते-जुलते हैं और मधुमेह में बहुत ही उपयोगी साबित हुए हैं |
v कोलेस्ट्रोल में : अमेरिका के कृषि विभाग के शोध वैज्ञानिक डॉ.फैकर और पीटर हागलैंड के अनुसार गाजर को रोज थोड़ी मात्रा में लेने से उसमें पाये जानेवाले रेशे कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करते हैं |
v शारीरिक वृद्धि हेतु : इसके सेवन से रक्त व वजन बढ़ता है और शरीर ह्रष्ट-पुष्ट होता है |
v आँखों के लिए : आँखों को स्वस्थ बनाने रखने के लिए यह एक अनूठा आहार है | विटामिन ‘ए’ की कमी से उत्पन्न रोग जैसे रात्रि की दिखाई न देना आदि में यह लाभदायी है |
v ह्रदय व फेफड़ों के लिए : इसके सेवन से ह्रदय की बीमारी, धडकन का अनियमित होना, ह्रदयाघात (heart attack)और फेफड़ों के कैंसर से बचाव होता है |
v पेट व आँतो के लिए : यह पाचन-संस्थान के सभी अंगों को बल प्रदान करती है और आँतों की कमजोरी दूर करती है |
v छोटे बच्चों के लिए लाभदायी : इसका रस छोटे बच्चों को पिलाने से उनके दाँत सरलता से निकलते हैं और दूध भी ठीक से हजम होता है |

गाजर के कुछ औषधीय प्रयोग
ह्रदय व मस्तिष्क का बल बढ़ाने के लिए : प्रतिदिन सुबह खाली पेट गाजर के १०० मि.ली. रस में जरा-सा सेंधा नमक मिला के पीने से मस्तिष्क और ह्रदय को बल मिलता है |

धडकन बढ़ने व घबराहट में : इसके ३० मि.ली.रस में थोड़ी-सी मिश्री मिला के नित्य पीने से ह्रदय की धडकन बढ़ना एवं घबराहट में शीघ्र राहत मिलती है |

कब्ज में : इसके एक कप रस में एक नींबू का रस और दो चम्मच शुद्ध शहद मिला के सुबह पीने से कब्ज में लाभ होता है |

बार-बार पेशाब आने पर : १ कप गाजर के रस में आधा चम्मच जीरा व १ चम्मच धनिया मिला के सुबह खाली पेट और शाम को लेने से लाभ होता है |

सावधानियाँ : १] गाजर के भीतर का पीला भाग निकालकर ही गाजर का सेवन करना चाहिए |
२] सर्दियों में गाजर का हलवा लाभदायी है परंतु उसे बनाते समय दूध अथवा मावे का उपयोग नहीं करना चाहिए |

लोककल्याण सेतु – जनवरी २०१८से 

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