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Sunday, January 7, 2018

शरीर को पुष्ट व शक्ति – सम्पन्न कैसे बनाये (भाग -१)

दोष तथा व्याधि के अनुसार औषध-द्रव्यों के साथ पकाया हुआ दूध बहुत ही लाभकारी होता हैं | इसे क्षीरपाक कहा जाता है | यह शरीर को पुष्ट व शक्ति-सम्पन्न बनाकर नवजीवन प्रदान करता है | क्षीरपाक बनाने हेतु जितनी औषधि लेते हैं उसमें उससे कम-से-कम १५-१५ गुना दूध व पानी मिलाकर मंद अग्नि पर पानी के बाष्पीभूत होने तक उबालते हैं |

अश्वगंधा क्षीरपाक
लाभ : १] यह शक्ति, बुद्धि व वीर्य वर्धक तथा मांसपेशियों को ताकत देनेवाला है |
२] शारीरिक-मानसिक दौर्बल्य, बुढ़ापे की कमजोरी, थकान, रोगों के बाद आनेवाली कृशता आदि के लिए यह रामबाण औषधि है |
३] बालकों में होनेवाले सूखारोग में अत्यंत लाभदायी है |
४] स्त्रियों के कमरदर्द एवं श्वेत प्रदररोग में लाभप्रद है |
५] यह अच्छी नींद लाता है |

विधि : ५ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण में १००-१०० मि.ली. दूध व पानी मिलाकर धीमी आँच पर उबालें | पानी जलकर मात्र दूध शेष रहने पर पाक को सिद्ध हुआ समझें | फिर उसमें मिश्री मिला के पियें |

सेवन-मात्रा : १०० मि.ली. क्षीरपाक दिन में १-२ बार ले सकते हैं | बच्चों को ५० मि.ली. दें |

सावधानी : सेवन के बाद एक से डेढ़ घंटे तक कुछ भी न खायें |

(अश्वगंधा चूर्ण संत श्री आशारामजी आश्रमों व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं |)


-ऋषिप्रसाद – जनवरी-२०१८ से 

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