(वर्षा ऋतू : २१ जून से
२२ अगस्त)
१] वर्षा ऋतू में
मंदाग्नि, वायुप्रकोप, पित्त का संचय आदि दोषों की अधिकता होती है | इस ऋतू में
भोजन आवश्यकता से थोडा कम करोगे तो आम (कच्चा रस ) तथा वायु नही बनेंगे या कम
बनेंगे, स्वास्थ अच्छा रहेगा | भूल से भी थोडा ज्यादा खाया तो ये दूषित कुपित होकर
बीमारी का रूप ले सकते हैं |
२] काजू, बादाम, मावा,
मिठाइयाँ भूलकर भी न खायें, इनसे बुखार और दूसरी बीमारियाँ होती हैं |
३] अशुद्ध पानी पियेंगे
तो पेचिश व और कई बीमारियाँ हो जाती हैं | अगर दस्त हो गये हो तो खिचड़ी में देशी
गाय का घी डाल के खा लो तो दस्त बंद हो जाते हैं | पतले दस्त ज्यादा समय तक न रहें
इसका ध्यान रखें |
४] बरसाती मौसम के
उत्तरकाल में पित्त प्रकुपित होता है इसलिए खट्टी व तीखी चीजों का सेवन वर्जित है
|
५] जिन्होंने बेपरवाही
से बरसात में हवाएँ खायी हैं और शरीर भिगाया है, उनको बुढापे में वायुजन्य तकलीफों
के दु:खों से टकराना पड़ता है |
६] इस ऋतू में खुले बदन
घूमना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं |
७] बारिश के पानी में
सिर भिगाने से अभी नहीं तो २० वर्षों के बाद भी सिरदर्द की पीड़ा अथवा घुटनों का
दर्द या वायु-संबंधी रोग हो सकते हैं |
८] जो जवानी में ही धूप
में सिर ढकने की सावधानी रखते हैं उनको बुढापे में आँखों की तकलीफें जल्दी नहीं
होतीं तथा कान, नाक आदि निरोग रहते हैं |
९] बदहजमी के कारण
अम्लपित्त की समस्या होती है और बदहजमी से जो वायु ऊपर चढती है उससे भी छाती में
पीड़ा होती है | वायु और पित्त का प्रकोप होता है तो अनजान लोग उसे ह्रदयाघात (heart attack ) मान लेते हैं, डर जाते हैं |
इसमें डरें नहीं, ५० ग्राम जीरा सेंक लो व ५० ग्राम सौंफ हलकी सेंक लो तथा २०-२५
ग्राम काला नमक लो और तीनों को कूटकर चूर्ण बना के घर में रख दो | ऐसा कुछ हो अथवा
पेट भारी हो तो गुनगुने पानी से ५ – ७ ग्राम फाँक लो |
१०] अनुलोम-विलोम
प्राणायाम करो – दायें नथुने से श्वास लो, बायें से छोड़ो फिर बायें से लो और दायें
से छोड़ो | ऐसा १० बार करो | दोनों नथुनों से श्वास समान रूप से चलने लगेगा | फिर
दायें नथुने से श्वास लिया और १ से सवा मिनट या सुखपूर्वक जितना रोक सकें अंदर
रोका, फिर बायें से छोड़ दिया | कितना भी अजीर्ण, अम्लपित्त, मंदाग्नि, वायु हो,
उनकी कमर टूट जायेगी | ५ से ज्यादा प्राणायाम नही करना | अगर गर्मी हो जाय तो फिर
नही करना या कम करना |
ऋषिप्रसाद – जून
२०१८ से
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