क्रोध भस्मासुर है,
करा-कराया सब ख़ाक कर देता है | जिन्हें क्रोध पर नियंत्रण पाना हो वे नीचे दिये
गये सरल एवं कारगर उपायों में से एक या अधिक उपायों का लाभ अवश्य लें |
१] एक कटोरी में जल लेकर
उसमें देखते हुए ‘ॐ शान्ति....शान्ति.... शान्ति... ॐ....’ इस प्रकार २१ बार जप
करें और वह जल पी लें तो क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी |
२] जब क्रोध आये तो उस
समय अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा |
३] सुबह नींद में से
उठते ही बिस्तर पर बैठ के ललाट पर तिलक करने की जगह पर अपने सदगुरु या इष्ट का ध्यान
करें | बाद में संकल्प करते हुए एवं यह मंत्र बोलते हुए क्रोध की मानसिक रूप से
अग्नि में आहुति डालें : ॐ क्रोधं
जुहोमि स्वाहा |
४] एक नग आँवले का
मुरब्बा रोज सुबह खायें व शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर दूध पी लें, इससे विशेषकर
पित्तप्रकोपजनित क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी | (शुक्रवार व रविवार
को आँवले का सेवन न करें |)
ऋषिप्रसाद – जून २०१८ से
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