क्या करें
१] मीठा अनार
त्रिदोषशामक है, विशेषत: पित्तशामक है, इसका सेवन लाभदायी है |
२] पीके केले (छिलके पर
काले दाग हों ) रक्त, मांस व बल वर्धक होने से सेवनीय हैं |
३] ताज़ी, नरम मूली
त्रिदोषनाशक, जठराग्निवर्धक होने से सेवनीय है |
४] ताज़ी व मुलायम
बीजोंवाली लौकी का सेवन बलदायी एवं स्वास्थ्यप्रद है |
५] ताज़ी ककड़ी, खीरा शीतल
व पित्तशामक होने से इनका सेवन करना लाभदायी है |
क्या न करें
१] खट्टा अनार
पित्तवर्धक होता है अत: इसका सेवन न करें |
२] कच्चा केला कब्ज करता
है | इसकी सब्जी अथवा चिप्स भी हानिकारक हैं |
३] कच्ची, पुरानी व सुखी
हुई मूली त्रिदोषप्रकोपक होने से त्याज्य है |
४] सख्त बीजोंवाली लौकी
का सेवन न करें, यह जठराग्नि को मंद करती है |
५] पककर पीली हुई ककड़ी,
खीरा उष्ण व पित्तवर्धक होते हैं | इन्हें न खायें |
ऋषिप्रसाद – जून २०१८ से
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