२२ अगस्त : पुत्रदा एकादशी (व्रत से मनोवांछित फलप्राप्ति )
२६ अगस्त : रक्षाबंधन (इस दिन धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण
रोगों तथा अशुभ कायों का विनाशक है | इसे वर्ष में एक बार धारण करने से मनुष्य
वर्षभर रक्षित हो जाता है | - भविष्य पुराण )
२ सितम्बर : रविवारी सप्तमी (सूर्योदय
से रात्रि ८.४७ तक )
३ सितम्बर : जन्माष्टमी (भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी इसका व्रत
करता है वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है |)
६ सितम्बर : अजा एकादशी ( समस्त पापनाशक व्रत, माहात्म्य पढ़ने-सुनने से अश्वमेध
यज्ञ का फल ), गुरुपुष्पामृत योग (दोपहर ३-१४ से ७ सितम्बर सूर्योदय तक )
१२ सितम्बर : चतुर्थी ( चन्द्र-दर्शन निषिद्ध, चन्द्रास्त: रात्रि ८-५९
)
१३ सितम्बर : गणेश-कलंक चतुर्थी
( चन्द्र-दर्शन निषिद्ध, चन्द्रास्त : रात्रि ९-४२ तक ) (‘ॐ गं गणपतये नम: |’ का
जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दुर्वा व सिंदूर की आहुति
देने से विघ्न-निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है |)
१६ सितम्बर : रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से ३-५५ तक )
१७ सितम्बर : षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह ६-४८ से दोपहर १-१२ तक )
२० सितम्बर : पद्मा एकादशी (
व्रत करने व माहात्म्य पढ़ने-सुनने से सब पापों से मुक्ति )
ऋषिप्रसाद – अगस्त २०१८ से
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