भोज्य पदार्थो में हरा
धनिया डालने से भोजन रुचिकर होने के साथ अनेक गुणों से युक्त हो जाता है | सूखे
धनिये का उपयोग मसाले के रूप में भी किया जाता है |
धनिया पेशाब खुल के लानेवाला,
भूखवर्धक, पाचक, मल बाँधकर लानेवाला, जलन कम करनेवाला एवं प्यास-शामक है |
धनिया में विटामिन ‘ए’ व
‘के’ तथा कैल्शियम, लौह तत्त्व, मैग्नेशियम, पोटैशियम, रेशे आदि की अच्छी मात्रा
होती है | यह आँखों के रोग, उलटी आदि में लाभदायी है |
औषधीय प्रयोग
१] कोलेस्ट्रॉल : रक्त
में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर खड़े
धनिये का सेवन लाभकारी है | २ चम्मच खड़ा धनिया एक गिलास पानी में उबालकर छान के
दिन में २ बार लेने से लाभ होता है |
२] पेशाब की जलन : १-१
चम्मच धनिया व मिश्री मिला के पानी के साथ दिन में दो बार लेना लाभदायी है |
३] अम्लपित्त (hyper-acidity) : प्रात:काल आधा से १ चम्मच
धनिये के चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने या १ चम्मच चूर्ण को मुख में डालकर
धीरे-धीरे चूसते हुए रस को निगलने से लाभ होता है |
धनिये का पानक
हरे धनिये की पत्तियों
को पीसकर रस निकाल के छान लें | इसमें आवश्कतानुसार मिश्री व पानी मिला के इसे
मिट्टी के पात्र में आधा से पौना घंटा रखें | तत्पश्चात जरूरत के अनुसार सेवन करें
| यह पानक पित्तप्रकोपजन्य बीमारियों में अत्यंत लाभदायी है |
लोककल्याण
सेतु – अगस्त २०१८ से
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