क्या करें
१) रात्रि को दूध पीना पथ्य (हितकर), अनेक दोषों का शामक एवं
नेत्रहितकर होता है |
२) पीपरामूल, काली मिर्च, सोंठ – इनमें से एक या अधिक द्रव्य
दूध के साथ लेने से वह सुपाच्य हो जाता है तथा इन द्रव्यों के औषधीय गुणों का भी
लाभ प्राप्त होता है |
३) उबले हुए गर्म दूध का सेवन वात-कफनाशक तथा औटाकर शीतल किया
हुआ दूध पित्तशामक होता है |
४) देशी गाय के दूध में देशी घी मिला के पीने से मेधाशक्ति
बढ़ती है |
क्या न करें
१) फल, तुलसी, अदरक, लहसुन, खट्टे एवं नमकयुक्त पदार्थों के
साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए |
२) नया बुखार, मंदाग्नि, कृमिरोग, त्वचारोग, दस्त, कफ के रोग
आदि में दूध का सेवन न करें |
३) दूध को ज्यादा उबालने से वह पचने में भारी हो जाता है |
४) बासी, खट्टा, खराब स्वादवाला, फटा हुआ एवं खटाई पड़ा हुआ दूध
भूल के भी नहीं पीना चाहिए |
ऋषिप्रसाद – अगस्त २०१८ से
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