२३ अप्रैल : मंगलवारी
चतुर्थी (सूर्योदय से दोपहर ११-०४ तक )
२५ अप्रैल : पूज्य
बापूजी का ८२ वाँ अवतरण दिवस
३० अप्रैल : वरूथिनी
एकादशी (सौभाग्य, भोग, मोक्ष प्रदायक व्रत; १०,००० वर्षों की तपस्या के समान फल व
माहात्म्य पढ़ने – सुनने से १०००० गोदान का फल )
७ मई : अक्षय तृतीया
(पूरा दिन शुभ मुहूर्त ) ( स्नान, दान,
जप, तप, हवन आदि का अनंत फल )
१५ मई : मोहिनी
एकादशी ( उपवास से अनेक जन्मों के मेरु पर्वत जैसे महापापों का नाश ), विष्णुपदी
संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर ११-३० तक ) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का
लाख गुना फल )
१७ -१८ मई : वैशाख
शुक्ल त्रयोदशी से वैशाखी पूर्णिमा तक का प्रात: पुण्यस्नान सम्पूर्ण वैशाख मॉस –
स्नान का फल व गीता पाठ अश्वमेध यज्ञ का फल देता है |
ऋषिप्रसाद
– अप्रैल २०१९ से
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