प्यास लगे तो जल
पिये, भूख भोजन खाये |
भ्रमण करे नित भोर
में, ता घर वैद्य न जायें ||
जो सदा प्यास लगने
पर ही पानी पीता है, भूख लगने पर ही भोजन करता है
और नियमितरुप से प्रात:काल में भ्रमण करता है, उसके घर वैद्य
नहीं जाते अर्थात वह स्वस्थ्य रहता है |
ऋषिप्रसाद
– दिसम्बर २०२० से
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