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Wednesday, June 23, 2021

विद्यालाभ व अदभुत विद्वत्ता की प्राप्ति हेतु

 

‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्रागे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नम: स्वाहा |’

यह मंत्र २६ जून २०२१ को प्रात: ४:२६ से रात्रि ११:४५ बजे के बीच अथवा २३ जुलाई २०२१ को दोपहर २:२६ से रात्रि ११:४५ बजे के बीच १०८ बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद जीभ पर लाल चंदन से ‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें | जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा उसे विद्यालाभ व अदभुत विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |

(ध्यान दें : गुजरात व महाराष्ट्र में यह योग केवल २३ जुलाई को हैं )


 ऋषिप्रसाद – जून २०२१ से

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