इन्द्रियों का स्वामी मन है और मन का स्वामी प्राण है |
इन्द्रियाणां मनो नाथो मनोनाथस्तु मारुत: |
(हठयोगप्रदीपिका : ४.२९)
प्रात: ३ से ५ बजे के बीच त्रिबंधयुक्त
प्राणायाम करना अत्यंत हितकारी है | त्रिबंध करके प्राणायाम करने से विकारी जीवन सहज
भाव से निर्विकारिता में प्रवेश करने लगता है | मुलबंध से विकारों पर विजय पाने का
सामर्थ्य आता है | उड्डियान बंध से व्यक्ति उन्नति में विलक्ष्ण उड़ान ले सकता है |
जालंधर बंध से बुद्धि विकसित होती है |
विधि : दोनों नथुनों से खूब श्वास भरो | त्रिबंध करो – गुदाद्वार को अंदर
सिकोड़ लो (मुलबंध), पेट को अंदर खींचो (उड्डियान बंध ) और यथासम्भव सिर सीधा रखते
हुए ठुड्डी को छाती से लगा लो (जालंधर बंध) | मन में ॐकार, गुरुमंत्र या भगवन्नाम का जप करते हुए स्व
से पौने दो मिनट श्वास रोके रखो | अब धीरे-धीरे श्वास छोडो | फिर सामान्य गति से २
– ४ श्वासोच्छ्वास के बाद पूरा श्वास बाहर निकालकर ५० सेकंड से स्व मिनट उसे बाहर
रोको | फिर धीरे-धीरे श्वास ले लो | श्वास लेते और रोके रखते समय मानसिक जप चालू
रखें | बाह्य व आभ्यन्तर कुम्भक मिलाकर यह १ प्राणायाम हुआ | बीमार हो या
तन्दुरुस्त हो, लम्बी उम्र के लिए और रोगों को भगाने के लिए
ऐसे ३ से ५ प्राणायाम अवश्य करने चाहिए |
कुम्भक प्राणायाम बहुत सारी योग्यताओं और शक्तियों का धनी बना देंगे |
इससे प्राणबल, मनोबल, बुद्धिबल व रोगप्रतिकारक बल बढ़ेंगे | शरीर में जो भी आम (कच्चा, अपचित रस ) होगा वह खिंच के जठर में स्वाहा हो जायेगा | वर्तमान की अथवा
आनेवाली बीमारियों की जड़े स्वाहा होती जायेंगी | आपका शरीर और मन निरोग तथा बलवान
बन के रहेंगे |
मन:शरीर और प्राण-शरीर को स्वस्थ रखने का उपाय
शारीरिक और मानसिक तनाव दूर करने के लिए
शारीरिक और मानसिक तनाव दूर करने के लिए सुंदर उपाय है - आजपा गायत्री | शरीर को खूब खींचे फिर ढीला छोड़ दें | मन-ही-मन चिंतन करें कि ‘मैं स्वस्थ हूँ... शरीर की थकान मिट रही है....’ इस प्रकार शारीरिक आराम लेकर फिर श्वासोच्छ्वास की गिनती करें ( श्वास अंदर जाय तो ‘ॐ’ या भगवान का नाम... बाहर निकले तो ‘१’...., श्वास अंदर जाय तो ‘आनंद’ अथवा ‘शांति’....... बाहर निकले तो ‘२’ ....) | इससे शारीरिक एवं मानसिक तनाव मिटेंगे | लम्बी गिनती व ‘शांति’....’, ‘आनंद...’ से अधिक लाभ होगा |
भगवत-विश्रांति पाना चाहते है तो रोज सूर्योदय से पहले नहा-धोकर बैठे जायें और
भगवन्नाम सहित श्वासोच्छ्वास की गिनती
करें | रात्रि को सब चिंता-तनाव ईश्वरार्पण करके भगवन्नाम के साथ श्वासोच्छ्वास की
गिनती करते-करते सो जायें तो रात भी ईश्वरीय शांति का धन कमाने में बीतेगी | इन
सहज युक्तियों से दिन भी सफल और रात भी !
ऋषिप्रसाद – जून २०२१ से
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