Search This Blog

Friday, July 16, 2021

अभागे ‘आलू’ से सावधान !

 

“आलू रद्दी - से - रद्दी  कंद है | इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं है | तले हुए आलू का सेवन तो बिल्कुल ही न करें | आलू का तेल व नमक के साथ संयोग विशेष हानिकारक है | जब अकाल पड़े, आपातकाल हो और खाने का कुछ न मिले तो आलू को आग में भूनकर केवल प्राण बचाने के लिए खायें |” – पूज्य  बापूजी

आचार्य चरक ने सभी कंदों में आलू को सबसे अधिक अहितकर बताया है | आलू को तेल में तलने से वह विषतुल्य काम करता है | आधुनिक अनुसंधानो के अनुसार उच्च तापमान पर या अधिक समय तक आलू को तेल में तलने से उसमें स्वाभाविक ही एक्रिलामाइड का स्तर बढ़ता है, जो कैंसर-उत्पादक तत्त्व सिद्ध हुआ है | कुछ शोधकर्ताओं ने तले हुए आलू के अधिक सेवन से मृत्यु-दर में वृद्धि होती पायी | इसका सेवन मोटापा व मधुमेह का भी कारण बन सकता है |

आलू का भूलकर भी सेवन न करें | पहले के खाये हुए आलू का शरीर पर कुप्रभाव पड़ा हो तो उसे निकालने के लिए रात को ३-४ ग्राम त्रिफला चूर्ण या ३-४ त्रिफला टेबलेट पानी से लेना हितकारी रहेगा |

ऋषिप्रसाद – जुलाई २०२१ से

No comments: