आसन बिछाकर प्रणव (ॐकार)
का ३ मिनट ह्रस्व (जल्दी-जल्दी) व दीर्घ और ५ मिनट प्लुत ( दीर्घ से अधिक लम्बा )
उच्चारण करना चाहिए | कभी कम-ज्यादा हो जाय तो डरना नहीं | ४० दिन का यह नियम ले
लो तो बहुत सारी योग्यताएँ जो सुषुप्त है, वे विकसित
हो जायेंगी | मन की चंचलता मिटने लगेगी,
बुद्धि के दोष दूर होने लगेंगे | सदा करते रहो तो बहुत अच्छा |
अपने भाग्य की रेखा बदलनी
हो, अपनी ७२,००० नाड़ियों की शुद्धि करनी हो और अपने मन और बुद्धि को मधुमय करना हो
तो संध्या के समय १०-१५ मिनट विद्युत-कुचालक आसन बिछाकर जप करें | भाग्य के कुअंक
मिटा देगा यह प्रयोग |
No comments:
Post a Comment