१) सात्त्विक
भोजन में तुलसी का एकाध दल रख के भगवान को भोग लगा के फिर भोजन करो और चबा-चबा करो
| इससे तुम्हारा मन पवित्र होगा, शरीर निरोग रहेगा, बुद्धि का विकास होगा उअर बुद्धि में ज्ञानयोग पाने की इच्छा होगी |
२) व्यर्थ
का बोलना, व्यर्थ का खाना, व्यर्थ के विकारों को पोषण देना –
यह तुमको जिस दिन अच्छा न लगे उस दिन समझ लेना कि भगवान की,
सदगुरु की और हमारे पुण्यों की – तीनों की कृपा एक साथ उतर रही है |
ऋषिप्रसाद
– जुलाई २०२१ से
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