१६ जुलाई :
संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से शाम ४:५५ तक )
२० जुलाई : देवशयनी एकादशी (महान पुण्यमय, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदाता तथा पापनाशक व्रत), चतुर्मास व्रतारम्भ
२३ जुलाई : गुरुपूर्णिमा, ‘ऋषि प्रसाद ‘ जयंती, विद्यालाभ योग
२७ जुलाई : अंगारकी –
मंगलवारी चतुर्थी ( सूर्योदय से रात्रि २:२९ तक )
४ अगस्त : कामिका
एकादशी ( इसका व्रत व रात्रि -जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का
दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है |)
८ अगस्त : रविपुष्यामृत
योग ( सूर्योदय से सुबह ९:२० तक )
१५ अगस्त : रविवारी
सप्तमी ( सूर्योदय से सुबह ९:५२ तक)
ऋषिप्रसाद
– जुलाई २०२१ से
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