- ॐ ह्रीं गौरयै नमः
Tips for an all round Success in Life from His Holiness Saint Shri Asharamji Bapu.
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Monday, February 25, 2008
बेटी की शादी, या परिवार में कोई समस्या
रोगियों के रोग हरने के लिए मंत्र जप सेवा
"ॐ रुद्राय नमः" यह मंत्र की रोज एक माला करे, ऐसा 6 महीने तक करें तब मंत्र सिद्ध हो जायेगा फिर कोई अगर बिमार है तो आप इस मंत्र का जप करें, पानी में देखकर 21 बार इस मंत्र का जप करके वह पानी किसी को दें तो 3 दिन में/7 दिन में/ 11 दिन में आराम आ जायेगा (बिमारी से छुटकारा मिलेगा लेकिन इसका पैसा रुपया नहीं लेना, सेवा भाव से करना है )
Sat.29th sept.07, IST:5:45PM
परम पूज्य बापूजी की अमृतवाणी
कफ़ रोग का इलाज
50 ग्राम शहद (honey), 50 ग्राम लहसुन (garlic), 1 ग्राम तुलसी के बीज पीस कर उसमें डाल दो, चटनी बन गयी थोड़ा-थोड़ा बच्चे को चटाओ हृदय भी मजबूत हो जायेगा, कफ़ भी नाश हो जायेगा
किडनी के रोगों का इलाज:
- इष्ट मंत्र का जप करो
- जो भुट्टे होते हैं, मक्की के भुट्टे, वो मक्की के ऊपर जो बाल होते हैं, मक्की के दानों पर, 50 ग्राम मक्की के बाल धोने के बाद, उसको तोड़ मरोड़ के 2 लीटर पानी में उबाल दो 1 लीटर पानी बच जाये, वो किडनी के रोग वाले को थोड़ा-थोड़ा कर के पिला दो, Problem solve.
मक्की आता है, उसकी सुरक्षा के लिये जो जाल होता है बाल का, वो बाल 50 ग्राम, उसको तोड़ मसल के 2 लीटर पानी में उबालना खुले में, धीमी आंच पर, गैस फुल नहीं होना चाहिये कम गैस पे, एक लीटर पानी बच जाये उसको छान लो, फिर धीरे-धीरे दिन-भर में वो पीलें - किडनी का function अच्छा हो जायेगा ऐलोपैथी की दवाईयों से किडनी ठीक नहीं होती लेकिन गुरुमंत्र और यह प्रयोग से किडनी ठीक होने लगती है
७ जन्मों की दरिद्रता दूर करने के लिए
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Lunar Eclipse Tips
- One who drinks water early in the morning everyday after doing jap of the eight lettered mantra. "aum namo Nãrãyanãya", 25 times, gets delivered from all sins, attains enlightenment and becomes free from all diseases.
- A deserving sadhaka should do eight thousand jap of the above mantra touching 'Brahmi Ghrita' while observing a fast during a lunar or solar eclipse. The Brahmighrita is to be consumed after the eclipse is over. This bestows the aspirant with enhanced power of concentration, ability to compose poems and 'vaak siddhi'.
Rules to be observed during an eclipse
- A person who consumes food during eclipse goes to 'Aruntud Naraka' and is doomed to remain there for as many years as the number of food grains he has consumed during the eclipse. He suffers from stomach ailments in his next birth and is afflicted with a tumour in the body, loses one of his eyes and then all his teeth as well. (Devi Bhagwata : 9:35. 11-13)
- One who consumes food earned by others during a lunar or solar eclipse loses all the virtues accumulated over a period of twelve years. (Skanda Purana, Prabhasa Khanda: 207. 11-13)
- One who digs the ground during an earthquake or an eclipse earns sins that entitle him to crippled body in his next birth. (Devi Bhagwata: 9.10.28)
-Rishi Prasad Oct 2004
ग्रहण विधि निषेध
- सुर्यग्रहण मे ग्रहण से चार प्रहर पूर्व और चंद्र ग्रहण मे तीन प्रहर पूर्व भोजन नही करना चाहिये । बूढे बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं ग्रहण पूरा होने पर सुर्य या चंद्र, जिसका ग्रहण हो, उसका शुध्द बिम्ब देख कर भोजन करना चाहिये ।(१ प्रहर = ३ घंटे)
- ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नही तोडना चाहिए । बाल तथा वस्त्र नही निचोड़ने चाहिये व दंत धावन नही करना चाहिये ग्रहण के समय ताला खोलना । सोना, मल मुत्र का त्याग करना, मैथुन करना और भोजन करना - ये सब कार्य वर्जित है ।
- ग्रहण के समय मन से सत्पात्र को उद्दयेश्य करके जल मे जल डाल देना चाहिय । ऐसा करने से देनेवाले को उसका फल प्राप्त होता है और लेनेवाले को उसका दोष भी नही लगता।
- कोइ भी शुभ कार्य नही करना चाहिये और नया कार्य शुरु नही करना चाहिये ।
- ग्रहण वेध के पहले जिन पदार्थो मे तिल या कुशा डाली होती है, वे पदार्थ दुषित नही होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिये ।
- ग्रहण वेध के प्रारंभ मे तिल या कुशा मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति मे ही करना चाहिये और ग्रहण शुरु होने से अंत तक अन्न या जल नही लेना चाहिये ।
- ग्रहण के सनमय गायो को घास, पक्षियो को अन्न, जरुरतमंदो को वस्त्र दान से अनेक गूना पुण्य प्राप्त होता है ।
- तीन दिन या एक दिन उपवास करके स्नान दानादि का ग्रहण मे महाफल है, किंतु संतानयुक्त ग्रहस्थ को ग्रहण और संक्रान्ति के दिन उपवास नही करना करना चाहिये ।
- 'स्कंद पुराण' के अनुसार ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षो का एकत्र किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है
- 'देवी भागवत' मे आता है कि भुकंप एवं ग्रहण के अवसर पृथ्वी को खोदना नही चाहिये ।
भीष्म तर्पण दिवस
भीष्म जी को जल अर्पण करें और संतान की प्राप्ति की इच्छा करें तो तेजस्वी आत्मा आती है ऐसा 14 फरवरी 2008 है इस बार शुक्ल अष्टमी तिथि, धवल निबंध ग्रंथ के अनुसार इस तिथि को भीष्म जी का तर्पण दिवस भी है ब्रह्मचारी भीष्म जी का तर्पण करने से लड़के लड़कियाँ तेजस्वी हो सकते हैं
-27th Jan 08, Hyderabad
उत्तम संतान प्राप्ति के लिए
वास्तव में पत्थर, पानी, खनिज देश की सच्ची सम्पत्ति नहीं हैं अपितु ॠषि-परम्परा के पवित्र संस्कारों से सम्पन्न तेजस्वी बालक ही देश की सच्ची सम्पत्ति हैं लेकिन मनुष्य धन-सम्पत्ति बढ़ाने में जितना ध्यान देता है उतना संतान पैदा करने में नहीं देता यदि शास्त्रोक्त रीति से शुभ मुहूर्त में गर्भाधान कर संतानप्राप्ति की जाय तो वह परिवार व देश का नाम रोशन करनेवाली सिद्ध होगी गर्भाधान के लिए 20 फरवरी 2008 तक ग्रहदशा बहुत ही अनुकूल है इसके प्रभाव से उच्च आत्माएँ पृथ्वी पर आयेंगी
उत्त्म संतानप्राप्ति के लिए सर्वप्रथम पति-पत्नी का तन-मन स्वस्थ होना चाहिए वर्ष में केवल एक ही बार संतानोत्पत्ति हेतु समागम करना हितकारी है
गर्भाधान के लिए समय:
ॠतुकाल की उत्तरोत्तर रात्रियों में गर्भाधान श्रेष्ठ है लेकिन 11वीं व 13वीं रात्रि वर्जित है
यदि पुत्र की इच्छा हो तो पत्नी को ॠतुकाल की 8, 10, 12, 14 व 16वीं रात्रि में से किसी एक रात्रि का शुभ मुहूर्त पसंद कर समागम करना चाहिए
यदि पुत्री की इच्छा हो तो ॠतुकाल की 5, 7, 9 या 15वीं रात्रि में से किसी एक रात्रि का शुभ मुहूर्त पसंद करना चाहिए
कृष्णपक्ष के दिनों में गर्भ रहे तो पुत्र व शुक्लपक्ष में गर्भ रहे तो पुत्री पैदा होती है
रजोदर्शन दिन को हो तो वह प्रथम दिन गिनना चाहिए सूर्यास्त के बाद हो तो सूर्यास्त से सूर्योदय तक के समय के तीन समान भाग कर प्रथम दो भागों में हुआ हो तो उसी दिन को प्रथम दिन गिनना चाहिए रात्रि के तीसरे भाग में रजोदर्शन हुआ हो तो दूसरे दिन को प्रथम दिन गिनना चाहिए
निषिद्ध रात्रियाँ: पूर्णिमा, अमावस्या, प्रतिपदा, अष्टमी, एकादशी, चतुर्दशी, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, ऊत्तरायण, जन्माष्टमी, रामनवमी, होली, शिवरात्रि, नवरात्रि आदि पर्वों की रात्रि, श्राद्ध के दिन, चतुर्मास, प्रदोषकाल, क्षयतिथि (दो तिथियों का समन्वय काल) एवं मासिक धर्म के चार दिन समागम नहीं चाहिए शास्त्रवर्णित मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए
माता पिता की मृत्युतिथि, स्वयं की जन्मतिथि, नक्षत्रों की संधि (दो नक्षत्रों के बीच का समय) तथा अश्विनी, रेवती, भरणी, मघा, मूल इन नक्षत्रों में समागम वर्जित है
दिन में समागम करने से आयु व बल का बहुत ह्रास होता है गर्भाधान हेतु सप्ताह के 7 दिनों की रात्रियों के शुभ समय इस प्रकार हैं :
रवि >> 8 से 9 >> 1.30 से 5
सोम >> 10.30 se 12 >> 1.30 से 4
मंगल >> 7.30 से 9 >> 10.30 से 1.30
बुध >> 7.30 से 10 >> 3 से 4.30
गुरु >> 12 से 1.30 >> 3 से 4
शुक्र >> 9 से 10.30 >> 12 से 3.30
शनि >> 9 से 12
रात्रि के शुभ समय में से भी प्रथम 14 व अंतिम 15 मिनट का त्याग करके बीच का समय गर्भाधान के लिए निश्चित करें
गर्भधारण के पूर्व कर्तव्य
रात्रि तथा समय कम-से-कम तीन दिन पूर्व निश्चित कर लेना चाहिए निश्चित रात्रि में शाम होने से पूर्व पति-पत्नी को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर सदगुरु व इष्टदेवता की पूजा करनी चाहिए संभव हो तो हवन करना चाहिए
गर्भाधान एक प्रकार का यज्ञ है इसलिए इस सतत यज्ञ की भावना रखनी चाहिए, विलास की दृष्टि नहीं रखनी चाहिए
पति-पत्नी दोंनो को अपनी चित्तवृत्तियाँ परमात्मा में स्थिर करनी चाहिए व उत्तम आत्माओं को प्रार्थना करते हुए उनका आह्वान करना चाहिए :’हे ब्रह्माण्ड में विचरण कर रहीं सूक्ष्म रूपधारी पवित्र आत्माओं ! हम दोंनो आपको प्रार्थना कर रहे हैं कि हमारे यहाँ जन्म धारण करके हमें कृतार्थ करें हम दोंनो अपने शरीर, मन, प्राण व बुद्धि को आपके योग्य बानायेंगे ’
पुरुष दायें पैर से स्त्री से पहले शय्या पर आरोहण करे और स्त्री बायें पैर से पति के दक्षिण पार्श्व में श्य्या पर चढ़े तत्पश्चात शय्या पर निम्नलिखित मंत्र पढ़ना चाहिए :
ब्रह्मा बृहस्पतिर्विष्णुः सोम सूर्यस्तथाऽश्विनौ भगोऽथ मित्रावरुणौ वीरं ददतु मे सुतम्
ब्रह्मा, बृहस्पति, विष्णु, सोम, सूर्य, अश्विनीकुमार और मित्रावरुण जो दिव्य शक्तिरूप हैं, वे मुझे वीर पुत्र प्रदान करें
- जनवरी २०११ से जून २०११ तक गर्भधारण का उत्तम समय है, पति-पत्नी १ महीने का संयम रखकर गर्भ धारण करें (-Pujya Bapuji Shajapur 30thJan2011)
- मानव को शुभ योगों का लाभ लेना चाहिए व अशुभ योगों से बचना चाहिए। दिसम्बर 2008 से गुरू-राहू का ‘चाण्डाल योग’ शुरू हो रहा है, इसलिए 1 मार्च 2008 से 20 अप्रैल 2009 तक गर्भ (प्रेग्नॅन्सि) न रहे इसका ध्यान रखें। इस कालखण्ड के बीच में 20 अगस्त 2008 से 5 अक्तूबर 2008 तक का समय गर्भधारण (प्रेग्नॅन्सि) के लिए अच्छा है। इस काल में गर्भधारण का प्रयत्न कर सकते हैं। 20 अप्रैल 2009 के बाद का समय भी गर्भधारण के लिए अच्छा है। 20 अगस्त 2009 से 20 जनवरी 2010 तक का काल गर्भधारण हेतु अति उत्तम है।
- जिसकी जन्मकुण्डली में तीव्र चाण्डाल योग हो व अन्य शुभ ग्रहों की स्थिति ठीक न हो तो उसके अशांत व शारीरिक-मानसिक पीड़ा से ग्रस्त होने की संभावना रहती है। फिर भी यदि अनुचित समय में गर्भ रह जाय तो गर्भपात न करके आने वाले बालक के कल्याण के लिए प्रार्थना, पूजा, रामायण आदि का पाठ, जप, अनुष्ठान करें।
- अपने यहाँ स्वस्थ, तंदरुस्त और पुण्यात्मा बालक का जन्म हो इस हेतु सभी दम्पत्तियों को जप, अनुष्ठान, रामायण एवं श्री गुरुगीता का पाठ करके गर्भाधान करना चाहिए।
For Gas Problems ( गठिया की बिमारी में )
- अभी शिवरात्रि ( 20th Feb' 2012)आयेगी उस दिन "बं बं" का सवा लाख जप करने से वायु संबंधी बीमारियाँ दूर होंगी.. जिन्हें गठिया की बीमारी है ये इसका खास लाभ ले कैसा भी बीमार होगा एक दिन में खड़ा हो जायेगा S
- Shivratri is coming soon, Japa of mantra "Bam Bam" for 1।25 Lacs on that day, relieves from gas related problems।
6th February 08, Rourkela
दिशा विवेक
- पूजा आरती पश्चिम में है तो खुशियाँ दबेंगी
- दक्षिण में है तो बिमारी आयेगी
- तुम्हारी पूजा की दिशा पूरब या उत्तर में हो तो स्थिति उन्नत होगी पूजा की दिशा उत्तर में है तो अध्यात्मिक उन्नति होगी, पूर्व में है तो लौकिक उन्नति होगी गुरूमंत्र है तो दोनों में आध्यात्मिक और लौकिक उन्नति होगी
- तो देख लेना की आरती की दिशा, पूजा करते तो आपकी दिशा पश्चिम की तरफ तो नहीं, होगी तो बदल देना सत्संग से कैसा ज्ञान मिलता है
- सोते समय पश्चिम में सिर रहेगा तो चिंता पीछा नहीं छोड़ेगी उत्तर में सिर करते हैं तो बिमारी पीछ नहीं छोड़ेगी सोते समय सिराना पूरब की तरफ अथवा दक्षिण की तरफ हो
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Insomnia
60 ग्राम सरसों का तेल और 1 ग्राम कपूर ( 2 छोटी वड़ी कपूर ) मिलाकर घर में जलाना चाहिए गुगल का धूप करना चाहिए थोड़े पानी में कपूर की 2 छोटी वड़ी डालकर घर में चारों ओर छिड़कें
-6th February 08, Rourkela
उबटन
- गौ मूत्र सारे शरीर में रगड़ कर नहाओ सात चीजों का उबटन लगा के नहाओ सात चीजें हैं :
१ गेहूँ
२ चावल ( जो ज्वार खाते हों वो ज्वार और जो चावल खाते हों वो चावल ले सकते हैं )
३ मूँग
४ चना
५ उड़द
६ जौं
७ तिल Listen Audio - इस का समान भाग मिश्रण बना लें उसको चक्की में पिसवाकर उस पाउडर का घोल बनाकर उससे नहाऐ पहले ललाट पर (भस्म की तरह बीच की तीन उँगलियों से लगायें) लगायें आध-एक मिनट “ॐ नमः शिवाय ” बोलें इससे पाप नाशिनी ऊर्जा पैदा होगी और स्वास्थय में कितने लाभ होगें बता नहीं सकते, बोलोगे कि बाबा पहले क्यों नहीं बताया साबुन लगाने से डिप्रेशन होता है, शरीर के रोम-कूप पर बुरा असर पड़ता है
6th February 08, Rourkela
Heart Blockage
- डॉक्टर भारी रुकावट बोलकर जल्दी एमरजेन्सी में ऑपरेशन करवाओ बोले तो मत करवाना
- आश्रम के डॉक्टर की दवाई लेना
- अगर आश्रम नहीं जा सकते तो देसी गाय का झरण ( गौ मूत्र) 40-50 मि ली छान कर पिला दो तो रुकावट खुल जायेगी और हृदय की परेशानियाँ दूर हो जायेंगी
-5th February 08, Rourkela
In Cold सर्दी - सूर्यभेदी प्राणायाम
- सर्दी है या सर्दी के दिनों में बहुत ज्यादा ठंड लगती हो तो बायाँ स्वर बंद करके .... दायें नथुने से श्वास लो, एक मिनट रोको और “रं रं” का जप करो और छोड़ते समय दाया बंद करके बाएं से छोड़े... ऐसा २ बार करें, इससे बिना दवाई के सर्दी गायब हो जाती है ।
For wine addicted
- किशमिश के दाने रखे अपनी जेब में और 2-2 खाते रहे किशमिश के दाने भिगा के, धोकर, पोंछकर रखले हर 2/5 मिनट में 2-2 दाने चूसता रहे
- जाम पे जाम क्या पीते हो, रात को पी सुबह को उतर जायेगी तू हरि नाम कि प्याली ,पी तेरी सारी जिन्दगी सुधर जायेगी
Raipur Tips
- रात को सोने से आधा घंटा पहले पैर अच्छे से धो लो, गीले पैर नहीं सोयें
- सोते समय सिराना पूरब या दक्षिण की तरफ कर के सोयें
- जो घर में दिया जलाते हैं वो ध्यान रखें कि दिये की लौ (ज्योत) दक्षिण या पश्चिम की तरफ न हो दिये की ज्योत पूरब की ओर या उत्तर की ओर होगी तो शांति और प्रीति रहेगी, दरिद्रता, बिमारी, अशांति दूर होगी
- दिये को प्रार्थना करके संकल्प करे कि हितभाषी बनूँ, मितभाषी बनूँ, प्रीतभाषी बनूँ, शांत बनूँ, सब के लिये हितकारी होगा वो ही बोलूँ, हितकारी नहीं होगा तो नहीं बोलूँ चिढ़ाने से मुसीबत बढ़ती है
- रोज एक मामरी बादाम खाये, या रात को एक बादम भिगा दिया, सुबह छिलका उतार के खा लिया करो
- खाना बहुत ठांस (ज्यादा खाना) नहीं खाये दही, मावा नहीं खाये हितकारी भोजन करे खाना खाते समय बीच-बीच में ताजा और गुनगुना पानी पिया करे, पाचन ठीक रहेगा
- जिनको धातु नाश, वीर्य नाश, हस्त मैथुन जैसी गन्दी आदतें हैं, वे 100 ग्राम आंवला चूर्ण और 100 ग्राम हल्दी पाउडर मिलाकर रखें रोज सुबह 3-3 ग्राम फांक लें युवाधन पुस्तक बार-बार पढ़े सब बिमरियाँ दूर हो जायेंगी
- 14 फरवरी को मातु-पितु दिवस मनायें
- बाल धोने का तरीका : मातायें बहनें सिर पर शैम्पू लगा के बाल धोने से बालों की जड़ें कमजोर होती हैं शैम्पू के साबुन से रोम कूप पर बुरा असर पड़ता है मैं ऐसा उपाय बताता हूँ जो आप कर सकते हैं, वो उपाय बताता हूँ 7 चीजों क मिश्रण बनाकर घोल बनाकर सिर पर "ॐ नमः शिवाय" बोलकर लगायें तीन उँगलियों से ललाट पर, कंठ में, भुजाओं में, घुटनों पर, नाभि पर और सारे शरीर में रगड़ दिया अगर बाल झड़ते हैं तो आंवले का रस सिर में ड़ाल दिया तो बालों की जड़ें मजबूत हो जायेंगी आप आराम से बना सकते हैं 7 चीजें हैं : गेहूँ, चावल, जौं, चना, उडद, मूँग, तिल एक-एक किलो सभी का मिश्रण बनायें और पिसवा दें उसी के घोल से नहाओ एक दिन में आपको कितना फायदा लगेगा चिंता सेछुटकारा, आपको लगेगा कि प्रसन्न्ता आ रही है भगवान को अपना मानकर अंतराअत्मा को, आपके ठाकुर जी को पाने का आपको भाव पैदा होगा प्रभु प्रेम की कला उत्पन्न होने में मदद होती है
- बालों को काला करने के लिये ड़ाई नहीं चढ़ायें, उससे भारी नुक्सान होता है
- 1st February 08, Raipur
घर में झगड़े (Quarrels in home)
- घर में झगड़े होते तो एक लोटा पानी लेकर रात को सोते समय पलंग के नीचे रखो और दूसरे दिन सुबह वो पानी घर में छाँटो पीपल को सींच दो, हो गये झगड़े खत्म
- Keep water in a vessel beneath the bed of the head of the family, overnight। Next morning, contemplating the God, offer that water to sacred fig (Peepal tree)।
-25th January 08, Hyderabad
लाभकारी प्रयोग
काले तिल 250 ग्राम और 125 ग्राम आंवला चूर्ण का मिश्रण अच्छी तरह से बारीक कर लो रोज साढ़े 11 ग्राम ( 1 तोला) खाओ
- बहरा है तो सुनने की शक्ति बढ़ती है, अन्धा है तो देखने की शक्ति बढ़ती है
- एक साल तक सेवन करने वाले की नेत्र ज्योति बढ़ती है
सेवन काल में दूध ही सेवन करे बाल काले होते हैं खारा-खट्टा नहीं खाये, पुरुष सहवास नहीं, अपनी रक्षा करे ये सारे लाभ होते हैं ऐसा लिखा गया है
-22nd January 08, Amdavad
Boiled water cures
- पानी को उबालकर पीयें, पानी उबलकर 75% बचे तो वायु नाशक होता है, 50% बचे - यह पित्त नाशक होता है, और 25% बचा हुआ पानी कफ नाशक होता है
- Drink water after being boiled, if remaining boiled water is 75% , it cures gas problems, if 50% water remains, it cures pitta(heat) problemes, if 25% water remains, it cures cough problems।
20th January 08, Chennai Satsang
For good intellect
- अगर बच्चे-बच्चियों की बुद्धि कम लगती हो तो 25 मि लि ग्राम तुलसी का रस और आँवले का या नारंगी का रस या च्यवन प्राश में पानी ड़ाल के वो तुलसी के रस में मिलायें ये मिश्रण चालीस दिन देने से बच्चों की बुद्धि में विलक्षणता आ जाती है लगभग 25 मि लि ग्राम तुलसी का रस और फल का रस (नारंगी/आँवला या च्यवन प्राश ) आधी कटोरी मिश्रण होगा ये बच्चे को चालीस दिन पिलायें, बच्चे चमक जायेंगे
- Give 25 mg। Tulsi juice, with Amla(Gooseberry) juice or Orange juice or with mixing chyawanprash in water. On giving this mixture for 40 days to children, they will shine with outstanding intellect.
13th January 08- Uttarayan Shivir Amdavad
दरिद्रता नाश करने के लिये
- सूर्य नारायण को प्रार्थना करें, जल चढ़ायें
- चावल और गाय के दूध की खीर बनायें और सूर्य देव को भोग लगायें
- इतवार को बिना नमक के भोजन करने को कहा गया है
ऐसा कुछ समय तक करने से दरिद्रता दूर होती है, इसमें शंका नही
13th January 08- Uttarayan Shivir Amdavad
Insomnia (अनिद्रा)
यदि आपके माता पिता को अनिद्रा की तकलीफ हो तो, उनको पता न चले इस प्रकार उनके तकिये के नीचे तुलसी के इक्कीस पत्ते रखने से लाभ होता ही है लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ें, कोई फूल पत्ता दोपहर के बाद तोड़ने से पाप लगता है बारह बजे के बाद नहीं तोड़ें इस प्रयोग का बहुत उपयोग होता है … तुलसी के पत्ते पीस कर रगड़ के नहायें तो सुर्खिया नहीं लगती
13th January 08- Uttarayan Shivir Amdavad
Health Tip
- Drinking water in morning,
- Buttermilk in afternoon and
- Milk after sunset, keeps Doctor away।
-Surat Dhyan Yoga Shivir December 2007
घर में आरोग्यता, सुख, शांति
- पीपल को जल सींचने से दरिद्रता दूर होती है, पुण्यलाभ होता है हरा पीपल कभी काटना नहीं चाहिए, पाप होता है पीपल का पेड़ लगाना पुण्यदायी है घर के पश्चिम की ओर पीपल का पेड़ हो तो घर की हवा शुद्ध रहेगी और घर में आरोग्यता, सुख, शांति रहेगी
- Watering the sacred fig (peepal) removes poverty and accrues the merits. Planting a sacred fig accrues the merits, and by cutting it, one incurs sin upon himself. A sacred fig, planted in the west side of a house, purifies the air and bestows the house with health, wealth and happiness.
-18th December 2007, Betul
Caution on these days
- पति पत्नी का व्यवहार सिर्फ़ संतान उत्पत्ति के लिए उपयोग करते तो अपने कुल खानदान को तारते है । पर पति पत्नी का व्यवहार अमावस्या, पूनम, एकदशी, अष्टमी, जन्माष्टमी, शिवरात्रि, दिवाली, होली, एसे पवित्र दिनों में और अपना जन्म दिवस, श्राद्ध पक्ष के दिन करते तो अकाल मृत्यु को बुलाते हो या जीव लेवा बीमारी बुलाते हो , और अगर संतान रह गयी तो विकलांग संतान ही होगी ।
- Abstain from indulging in copulation with your spouse on Amavasyaa, Poornima, Ekadashi , Ashtami, Janmastmi, Shivratri, Diwali, Holi, Shradh Paksh and own BirthDay। Copulation should be done to beget progeny and not for sensual pleasure .
-18th December 2007, Betul
स्फूर्ति और बल के लिए (To cast away weekness)
- रात को दो किशमिश के दाने धोके ग्लास में डाल दो, और एक नीम्बू निचोड़ के डाल दो; रातभर पड़ा रहे, सुबह मंजन करके वह पी लो; अपने को स्फूर्ति और बल में पाओगे
- Squeeze the juice of one लेमन।Soak two properly washed raisins, in that juice overnight. Drink this juice next morning, after brushing your teeth।
-2nd December 2007, Ratlam
Tilak ka mahatva
ललाट पे तिलक करें, इससे सूझबूझ बढ़ती है बुद्धिमान ब्राह्मण सबसे आपको तिलक लगायेगा, नहीं तो सब क्रिया कर्म व्यर्थ हो जाते हैं अपने शरीर में जो 7 मुख्य केन्द्र हैं उसमें से एक मुख्य केन्द्र "ज्ञान केन्द्र" ललाट में दोनों भौंहों के बीच में है, इसलिए वहाँ तिलक करना चाहिए कुमकुम, सिन्दूर, चन्दन से नहीं तो तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाकर जायें तो काम होने लगेगा
-05 October 07, Baksi(M.P.)
For eye weakness
जो लोग चश्मा पहनते हैं या आँखों की कोई भी तकलीफ है तो उन्हें त्रिफला रसायन रोज 11 ग्राम सुबह और 11 ग्राम शाम को लेना चाहिए बापूजी 68 की आयु में बिना चश्मे के पढ़ते हैं क्योंकि उन्होंने भी त्रिफला रसायन का प्रयोग किया है सभी साधकों को उनका अनुसरण करना चाहिए
-02 October 07 Ekantvaas
For Gas troubles
वायु की 80 प्रकार की शिकायत होती है एक बढ़िया उपाय है:100 ग्राम धनिया (सूखा) ,100 ग्राम हरड़ ,50 ग्राम शक्कर पाउड़र करके रखो 6 ग्राम सुबह और 6 ग्राम शाम को ले लो सभी वायु दोषों से, gas trouble से मुक्ति
-28 September 07, Ujjain
पानी प्रयोग
देवियों को मासिक धर्म की दिक्कत हो तो painkiller/injections न लें, बहुत नुक्सान करते हैं कोइ भी स्त्रियों की गुप्त बिमारी हो, रात को पानी रख लो सवा लीटर तांबे का बर्तन हो तो ठीक है, नहीं तो किसी में, सवेरे मंजन करके, ब्रश करने से फायदा नहीं होता मंजन करना चाहिए, मैं (गुरुदेव) भी मंजन करता हूँ मंजन करके तुलसी के 5 पत्ते खा लिए लेकिन इतवार को तुलसी नहीं खाना, नहीं तोड़ना 5 पत्ते खा लिए और पानी पी लिया वैसे तो सूरज उगने पर ही पानी पीना चाहिए, रात्रि को पानी पीना जठरा मंद करता है रात्रि को देर से भोजन करना बिमारी लाता है और दिन में भोजन करके सोना बिमारी लायेगा ये बातें समझ लो तो आप निरोग रह सकते हो तो वो पानी पी लिया सवा लीटर, थोड़ा घूमे फिरे, 8 दिन के अंदर कब्जियत की बिमारी, पेट साफ नहीं आता तो आने लगेगा, मासिक में पीड़ा होती है तो पीड़ मिट जायेगी, ज्यादा/कम आता है तो ठीक हो जायेगा
-28th September 07, Ujjain
बुद्धिमान कैसे बने ?
जो भी लोग सत्संग ध्यान से सुनते हैं वो बुद्धिमान बनते हैं बड़ी-बड़ी तपस्या से भी अदमी इतना बुद्धिमान नहीं होता जितना सत्संग से हो जाता है सत्संग से जो भी बुद्धि का विकास होता है, भाग्य का उदय होता है, वह राज्य सत्ता मिलने से भी नहीं होता
-23rd September 07 , Baundsi
संतान आगमन पर
- युवाधन पुस्तक जो भी 5 बार पढ़े वह समझदार बन जाता है संयम में रहते, तो उनका वीर्य मजबूत होता है, तो बालक भी मजबूत पैदा होते हैं
- बच्चा पैदा हो उसको गुनगुने पानी से नहलाकर पिता की गोद में रखना चाहिये
- पिता उस बच्चे को देखे और बोले उसके कान में:
- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) अश्मा भव
- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) परशु भव
- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार ) हिरन्यस्तुम भव
- तू चट्टान की नाईं दृढ़ होना तू विघ्न बाधाओं और पापों को काटने वाला कुल्हाड़ा बनना तू सुवर्ण की नाईं- लोहे को दाग लग जाता है, तांबे को भी जंग लग जाता है, लेकिन सोना ज्यों का त्यों रहत है ऐसे ही तू संसार में निर्लेप रहना ऐसा करके बाप माँ की गोद में बच्चे को ड़ाल दे
- फिर माँ क्या करे ?उसे स्तन-पान न करवाये कुछ भी उसके मुँह में न ड़ाले; पहले माँ को क्या करना चाहिए माँ हो, मौसी हो, जो भी हो, एक बूँद शहद की, दस बूँद घी की, दोनों को मिला दे, और सोने की सलाई से (अगर सोने की सलाई खरीदने की ताकत नहीं है तो चाँदी की सलाई पर सोने का पानी 15-20 रुपये में चढ़ जाता है ) शहद और घी के विमिश्रण से (सममिश्रण होगा तो ज़हर बनता है- या तो शहद का वजन ज्यादा हो, या तो घी का ज्यादा हो; बराबरी में जहर होता है ) बालक की जीभ पर ॐ लिख देवें बाद में उसको जो भी देना हो, पानी/दूध दे सकते हैं बच्चा ऐसा बनेगा कि 7 पीढ़ी के खानदान में ऐसा नहीं हुआ होगा जैसा ये बालक/बालिका बनेंगें
-२३र्द् सेप्टेम्बर ०७, बौन्द्सी
Do Upvaas
यदि कोई पूरे नवरात्रि के उपवास-व्रत न कर सकता हो तो सप्तमी, अष्टमी और नवमी तीन दिन (21st to 23rd Oct' 2012) उपवास करके देवी की पूजा करने से वह सम्पूर्ण नवरात्रि के उपवास के फल को प्राप्त करता है।
Thursday, February 21, 2008
On Deepavali
108 Aum Mantra
New Technique to taste inner bliss
Do japa of any God's Name, 1st 4 min. in lips, then 2 mins.in throat, then 2 mins. in heart, then do nothing for 2 mins, be silent. If done 3-4 times daily this 10 min. course, one will fly in spiritual journey.
Ashwini Mudra
- Benefits- All ill effects of kapha, pitta, vata are removed by this मुद्रा.
- Procedure- Lie down in shavasana, rest a while, then do Moolbandh and release for about 50 times। Then take deep breath by nose, do kumbhak for 2-3 seconds, then exhale the breath by mouth। do this inhale-exhale for 5 times। While taking breath imagine that the fresh air is going to the part of the body (which needs to be cured), and while exhaling imagine that disease germs-particles are going out.The name is given after the horse name, because horse do it, Bapuji said once do Horse Mudra and get Horse Power (a unit to measure power in science, 746watts=1 Horse Power)
भाग्य की रेखा बदलने के लिए
फिल्म देखने में, होटलों में जाने में व्यर्थ न गवाओ कुछ लोग जन्मदिन को होटलों में पार्टियाँ देते हैं ऐसी पार्टी मत दो होटलों में उस पैसे से घर में बेसन की मिठाई बना लो और जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीते हैं ऐसे बच्चों को बाँटो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि आपकी भाग्य रेखा बदलने लगेगी ये सेवा करो
-2nd February08 Raipur
अर्थार्जन करने के लिये
- किसी को कुछ आमदनी नहीं, अर्जित नहीं, नौकरी धन्धे में कमाई नहीं ऐसी कोई आर्थिक समस्या हो चिन्ता नहीं करे
- हर शनिवार को दूध, पानी, काले तिल और फूल (गेन्दे के फूल) चूर के पीपल के मूल में ड़ाल दे और पीपल के 5/7 फेरेफिरे
-2nd February08 Raipur
पति की आयु लम्बी हो इसलिए 2 बातें
- शाम को सूरज जब अस्त होता है तो उस समय सुहागन देवियों को अपना सिर ढ़क के रखना चाहिए
- सुहागन देवियों को ज्यादा उपवास नहीं करने चाहिए
-2nd February08 Raipur
वास्तु दोष
जिन के घर का मुख दक्षिण में हो, वे अपने घर के दरवाजे के बाहर एक गमले में आम का पौधा लगायें और गुरुमंत्र का जप करें
-1st February08 Raipur
अनुष्ठान के लिये
अनुष्ठान की शुरुआत करने से पहले “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र की माला करें तो अनुष्ठान में विघ्न नहीं आयेगा
फिर श्वास रोककर गुरुमन्त्र का जप करें गुरुदेव की तस्वीर के सामने अपना संकल्प बोलें, ये संकल्प पूरा हो जाये ऐसी प्रार्थना करें जितने दिन का अनुष्ठान कर रहे हैं, जैसे 7 दिन या 11 दिन तो उतने दिन तक हर दिन श्वास रोक कर गुरुमंत्र का जप करके संकल्प बोलने का प्रयोग करें, तो कार्य सिद्ध होगा
If you have to do anusthaan, start on monday, wednesday, thursday, friday or sunday. Any of these days can be started with i.e. all days of week, except tuesday and saturday, these five days can be selected. You should recite one mala of "AUM GAM GANAPATAYE NAMAH" to avert any obstacles during anusthaan.
Then, hold your breath and recite your Gurumantra while staring at Gurudev's portrait and then speak out your resolution. Then, as many days you are performing the anusthaan, say 7 days, 11 days or as many number of days, make it a practice to hold your breath everyday, recite Gurumantra and speak out your resolution for its fulfillment.
Wednesday, February 20, 2008
विद्यार्थियों के लिए
- जिन विद्यर्थियोंको स्कूल में कॉलेज में अच्छे नम्बरों से पास होना है वे प्राणायाम जरूर करें अनुलोम विलोम, भ्रामरी, अन्तर कुभक औरबहि र्कुम्भक प्राणायाम के बाद दो मिनट शांत बैठें, आँखें बंद, दोनों हाथों की हथेलियों को रगड़कर उसका स्पर्श दोनों आँखों को करें और आँखें खोलें ऐसा करने से अपनी ऊर्जा बाहर नहीं निकलेगी
- रात को सोते समय पूरब दिशा की ओर सिराना करके सोयें
- पढ़ाई करते समय पूरब और उत्तर दिशा के बीच वाले कोण, जिसे ईशान कोण कहते हैं, ईशान कोण की ओर मुख करके ही पढ़ें
- गणित या विज्ञान में कुछ याद नहीं रहता तो जीभ को तालु में लगाकर पढ़ें ऐसा करने से मस्तिष्क का संतुलन अच्छा बना रहता है
-Uttarayan Shivir Amdavad 2008
घर में खटपट
अगर है तो परिवार के लोग क्या करें कि सभी परिवार के सदस्य मिलकर एक दूसरे से प्रसन्न, मुस्कुराते हुए सामूहिक फोटो निकालें और वो फोटो घर के दक्षिण में लगा दें वास्तु शास्त्र के आधार से बोल रहा हूँ घर में खटपट कम हो जायेगी
-21st December 07, Bhopal
घर में समृद्धि के लिए
घर में समृद्धि लाना चाहते हो तो जिस घर के पुरुष काम पर जाते हों तो घर की महिलाएँ, जब पुरुष काम पर जायें तब गीता के 11 वें अध्याय का 40 वां श्लोक 108 बार पढ़ें और भगवान से प्रार्थना करें कि मैंने ये जो पाठ किया है इसका पुण्य हमारे घर के अमुक-अमुक पुरुष को ( उनका नाम लेकर) दीजिये उन्हें कार्य खूब सफलता मिल ऐसी प्रार्थना करके अर्घ्य दें इससे घर के काम करने वाले व्यक्ति को बहुत सफलता मिलेगी यह कई लोगों का अनुभव है इस श्लोक की इतनी महिमा है और इतना सरल भी है |
-16th December 07, Chhindwara
गुस्से पर कैसे नियंत्रण पायें
- अपनी भूल नहीं मानता, भूल दिखने से गुस्सा हावी हो जाता है तो जितना गुस्सा करने में शक्ति खर्च होती है उसमें आपका ध्यान लग सकता है
- मन में गुस्सा आये तो हरि ॐ शांति हरि ॐ शांति बोलते रहो
- मिर्च कम खाया करो
- खाना चबा-चबा कर खाया करो तो गुस्सा आना कम होगा
- और जिन को गुस्सा ज्यादा आता हो वो अपने पास एक आईना रखें गुस्सा आते ही आईने में देखें, अपने आप गुस्सा कम होने लगेगा लेकिन खुद ही को गुस्सा आये तो देखना, औरों को दिखाओगे तो मुसीबत में पड़ जाओगे
-16th December 07, Chhindwara
भूत प्रेत का उपाय
अगर किसी को भूत-प्रेत या इस प्रकार कोई भय हो तो डरने की कोई जरूरत नहीं है | जादू टोने, गन्दे तावीज के चक्कर में नहीं पड़ो ! शास्त्र का ही आधार लो | भागवत में आता है, एक लोटा पानी में थोड़ा गंगाजल डाल कर रखें और नारायण कवच का पाठ करें । पाठ ख़त्म होने पर पानी में ज़रा सी फूँक मारें । ऐसा २१ बार करें । फिर जिसको तकलीफ है, उस पर थोड़ा छांटे -और वह पानी शरीर पर आजू-बाजू छिड़कें और खुद भी पियें या जिसको बाधा हुई है उसको पिलायें ऐसा प्रयोग रोज करें जब तक आराम नहीं होता ....3/4 दिन करने से आराम हो जायेगा |प्रेत व मैली विद्या का प्रभाव नष्ट हो जायेगा ।
- Shri Sureshanandji 2nd December 07, Ratlam
घर में किसी के स्वास्थ्य बिगड़ने पर(Sickness of a family member)
- अगर घर में कोई बहुत दिन से बीमार है और आप कोशिश में हों कि जल्दी आराम जाये तो वड़ दादा की परिक्रमा करके प्रार्थना करें और महा-मृत्युंजय का जप करें
- कोई मृत्यु के समीप हो और आप वहाँ उपस्थित हों तो उस व्यक्ति की इतनी सेवा अवश्य की गीता का आठवां अध्याय पढ़ें भले ही वह व्यक्ति सुन नहीं पाये, समझ नहीं पाये फिर भी उस व्यक्ति के पास बैठ कर ये अध्याय पढ़ने मात्र से उसको लाभ होगा
- Pray to the Lord while circumambulating the wada dada in the nearby ashram. Chant maha mritunjaya mantra for the benefit of the sick.
Read the 8th chapter of Gita to a person at the death’s door। A mere reading of this chapter benefits the beleaguered soul, irrespective of whether he is able to listen to or understand it।
Listen Audio
-25th Nov 07, Vadodara
किसी की मृत्यु पर (Death of a family member)
- अगर किसी की मृत्यु हो गई है और आप स्मशान जाते हैं तो उसकी चिता में एक रुद्राक्ष का मोती अवश्य ड़ाल दें इससे उस आत्मा को दूसरी आत्मायें अटकाती नहीं हैं उसका मार्ग सुलभ हो जाता है
- If you happen to visit the Shamshan(Cremation) ground, in case of the death of a family member, bear in mind to put a rudraksh in the funeral pyre of the deceased। This will fend off the departed soul from falling prey to other wandering souls in the cremation ground and ease his path।
घर के सदस्य की मृत्यु पर( Death of a family member)
- अगर घर में किसी की मृत्यु हो गई हो तो रोज 13 दिन तक घर की छत पे एक कटोरी में दूध और एक कटोरी में पानी रख के आयें दूसरे दिन सुबह वो पानी और दूध पीपल के मूल में ड़ाल दें ऐसा 13 दिन करने से जिसकी मृत्यु हुई है उसकी आत्मा को शान्ति मिलती है उनका आशीर्वाद घर वालों को मिलता है
- घर के किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है तो जिस समय वह गुजरे हों उसी समय 13 दिन तक दीप जलायें उस घर की कोई सुहागन इस ढ़ंग से उस दीप पर पानी ऍह्हिड़के की दीप बुझ जाये इससे आत्मा को शान्ति मिलेगी और परिवार को आशीर्वाद प्राप्य होगा
- In case of death of a family member, do the following
o Every night, keep a cup of water and a cup of milk on the terrace.
o Offer the water and milk to sacred fig (Peepal tree) next day morning
Doing this for 13 days helps the departed soul rest in peace and the contented soul blesses the family. - In case a member of your family has died, do the following for 13 days
o Light a lamp at the time, when the person died
o The married ladies, whose husbands are alive, should sprinkle water over the lamp in such a way that the light goes off.
Doing this for 13 days helps the departed soul rest in peace and the contented soul blesses the family.
नौकरी धन्धे में समस्या (Service/Business related problems)
- कई लोगों का अनुभव है कि नौकरी धन्धे में कोई समस्या हो तो खाना खाने से पहले गीता के 15वें अध्याय का पाठ करें लाभ अवश्य होता है जादू टोना ऐसे मैले उपाय नहीं करें ऐसे शस्त्र सम्मत उपाय करने से लाभ निश्चित होता है
- Many people have observed that reading the 15th chapter of Gita, before taking food, solves the problems one is facing in his service/business.
- नौकरी में कोई समस्या है तो हर शनिवार को दूध, पानी और गुड मिलाकर पीपल को अर्पण करें अपने आप सब कुछ अच्छा होगा
- Offering the fluid prepared by mixing water, milk and jaggery to a sacred fig (Peepal tree) every Saturday, helps solving the service related problems.
-5th September 07, Baksi(Ujjain)
आर्थिक फायदा और कर्जा मुक्ति
- आर्थिक फायदा नहीं होता है तो दुकान पे जाने से पहले झंडु (गेंदे के फूल/मेरी गोल्ड) के फूल की कुछ पंखुड़ियाँ, हल्दी और चंदन में घिस करतिलक करें गुरुमंत्र का जप करें फिर दुकान पे जायें तो कोई ग्राहक खाली हाथ नहीं जायेगा, आर्थिक लाभ बढ़ेगा
- गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करके जायें, कर्जा है तो उतरजायेगा
-5th September 07, Baksi(Ujjain)
कोर्ट केस
कोर्ट में केस चल रहा है, आप की तरफ निर्णय नहींमिल रहा है, तारीख पे तारीख मिल रही है तो उस केस की फाइल घर के ईशान कोण में रखें (पूर्व और उत्तर के बीच वाला कोण), उसके पास हनुमानजी का चित्र, गुरुजी का चित्र, फाइल के पास या ऊपर रखें सूर्य गायत्री का मंत्र ( "ॐ आदित्याय विदमहे भास्कराय धीमहि तन्नो भानु प्रचोदयात्") बोलते हुए सूर्यभगवान को जल चढ़ायें कोर्ट का निर्णय जल्दी और आपकी तरफ से आयेगा, कितने लोगों का अनुभव है
-5th September 07, Baksi(Ujjain)
पितृ पक्ष
Pitru Paksh/Shraaddh Paksh (29 Sept 2012 - 15 Oct 2012) :-
Pirtu Paksh is currently in progress. For peace of all the souls who passed away in your home, you must, on the day of Sarvapitri Amavasya, recite Bhagvad Gita, offer water and meal to Surya Narayan and pray:" He Suryadev, your son is Yamaraj; please offer peace to all who passed away in our home and pass on the virtues of today's Gita recitation to them."
If all ancestors are pleased, then good souls will take birth in your family. You must do this on the day of Sarvapitri Amavasya.