- युवाधन पुस्तक जो भी 5 बार पढ़े वह समझदार बन जाता है संयम में रहते, तो उनका वीर्य मजबूत होता है, तो बालक भी मजबूत पैदा होते हैं
- बच्चा पैदा हो उसको गुनगुने पानी से नहलाकर पिता की गोद में रखना चाहिये
- पिता उस बच्चे को देखे और बोले उसके कान में:
- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) अश्मा भव
- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार) परशु भव
- ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ (7 बार ) हिरन्यस्तुम भव
- तू चट्टान की नाईं दृढ़ होना तू विघ्न बाधाओं और पापों को काटने वाला कुल्हाड़ा बनना तू सुवर्ण की नाईं- लोहे को दाग लग जाता है, तांबे को भी जंग लग जाता है, लेकिन सोना ज्यों का त्यों रहत है ऐसे ही तू संसार में निर्लेप रहना ऐसा करके बाप माँ की गोद में बच्चे को ड़ाल दे
- फिर माँ क्या करे ?उसे स्तन-पान न करवाये कुछ भी उसके मुँह में न ड़ाले; पहले माँ को क्या करना चाहिए माँ हो, मौसी हो, जो भी हो, एक बूँद शहद की, दस बूँद घी की, दोनों को मिला दे, और सोने की सलाई से (अगर सोने की सलाई खरीदने की ताकत नहीं है तो चाँदी की सलाई पर सोने का पानी 15-20 रुपये में चढ़ जाता है ) शहद और घी के विमिश्रण से (सममिश्रण होगा तो ज़हर बनता है- या तो शहद का वजन ज्यादा हो, या तो घी का ज्यादा हो; बराबरी में जहर होता है ) बालक की जीभ पर ॐ लिख देवें बाद में उसको जो भी देना हो, पानी/दूध दे सकते हैं बच्चा ऐसा बनेगा कि 7 पीढ़ी के खानदान में ऐसा नहीं हुआ होगा जैसा ये बालक/बालिका बनेंगें
-२३र्द् सेप्टेम्बर ०७, बौन्द्सी
2 comments:
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