१] उचित आहार :
भूख लगे तब खायें | समय पर खायें लेकिन पहले का पचा नहीं, ऊपर से और खायेंगे तो
कच्चा रस बनेगा | आहार , शुद्ध हवा का भी समावेश होता है | गंदी हवा से बचें,
शुद्ध हवा लें | देशी गाय के गोबर के कंडे (या गौ-चंदन धूपबत्ती ) पर देशी गोघृत
डाल के किया गया धूप शुद्ध हवामान बनाने में मददगार होता है |
२] प्रगाढ़ नींद : जैसे
भोजन से शक्ति मिलती है, ऐसे ही प्रगाढ़ नींद से भी शक्ति मिलती है | भोजन की शक्ति
तो शरीर को मिलती है लेकिन प्रगाढ़ नींद की शक्ति तो शरीर के साथ मन, बुद्धि और
जीवात्मा को भी मिलती है |
३] संयम, सदाचार और
ब्रह्मचर्य : जिसके जीवन में संयम है, सदाचार है और यौवन-सुरक्षा के नियमों का
पालन है वह जीवन के हर क्षेत्र में सहज में सफल होता है, बड़े-बड़े कार्य उसके
द्वारा सम्पन्न हो जाते हैं | ब्रह्मचर्य से बुद्धि, तेज और बल बढ़ता है, जीवन का
सर्वागीण विकास होता है | ब्रह्मचर्य जीवनदाता से मुलाकात कराने में अत्यंत सहायक
होता है |
ऋषिप्रसाद – मई २०१८से
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