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Sunday, May 6, 2018

धातुओं के चमत्कारी स्वास्थ्य-लाभ

सुवर्ण प्रज्ञा, स्मृति, वीर्य, कान्ति तथा ओजवर्धक एवं ह्रदय, मस्तिष्क व यकृत को बल देनेवाला और मन को प्रसन्न करनेवाला है | चाँदी शीत, पुष्टिकारक, वातशामक, वृद्धावस्था को दूर रखनेवाली व बलवर्धक है | लौह रक्तवर्धक, रक्तशुद्धिकर, धातु-दौर्बल्य दूर करनेवाला व पुष्टिदायक है | पीतल विष व कृमि नाशक है | ये सभी धातुएँ रसायन अर्थात शरीरस्थ सप्तधातुओं की वृद्धि करनेवाली व शरीर को बलवान बनानेवाली हैं |

इन धातुओं के २५ से ५० ग्राम जे टुकड़े अथवा इनसे बनी कोई भी वस्तुएँ लें | इस बात का ध्यान रखें कि धातुएँ शुद्ध हों, उनमें अन्य धातुओं की मिलावट न हो | बिना टाँकेवाली चीजें इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित है |

सामान्यत: चारों धातुओं के टुकड़े या दो-तीन जितनी भी उपलब्ध हों उतनी धातुओं के टुकड़े १ लीटर पानी में डाल के धीमी आँच पर उबालें | आधा पानी शेष रहने पर बर्तन उतार लें | यह पानी सुबह खाली पेट पीने से बहुत सारे रोग नष्ट हो जाते हैं व रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है | इस प्रयोग से शारीरिक बल में चमत्कारिक वृद्धि होती है | पानी जितना अधिक उबलेगा, धातुओं के गुण उतनी अधिक मात्रा में पानी में उतरेंगे व वह उतना ही अधिक बलप्रद होगा |


ऋषिप्रसाद – मई २०१८ से 

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