१६ दिसम्बर : षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय
से दोपहर १२:३४त्क) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का ८६,००० गुना फल)
२५ दिसम्बर : तुलसी पूजन दिवस (इस अवसर पर तुलसी का
पूजन, परिक्रमा आई करें तथा उसके समीप जप, पाठ, कीर्तन, सत्संग-श्रवण करके
भगवद-विश्रांति पायें | विश्वगुरु भारत
कार्यक्रम ( २५ दिसम्बर से १ जनवरी)
२६ दिसम्बर : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से रात्रि
८:०९ तक)
३० दिसम्बर :सफल एकादशी ( सर्व कार्य सफल करनेवाला ,
सुख भोग व मोक्ष प्रदायक व्रत)
९ जनवरी : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से दोपहर ११:१०
तक)
१३ जनवरी : पुत्रदा एकादशी ( पुत्र की इच्छा से इसका
व्रत करनेवाला पूत पाकर स्वर्ग का अधिकारी भी हो जाता है |)
१४ जनवरी : मकर संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर २:३० से
सूर्यास्त तक)
१५ जनवरी : चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग ( रात्रि
१:५८ से १६ जनवरी रात्रि २:०९ अर्थात १६
जनवरी ००:५८ अच से १७ जनवरी २:०९ अच ) ) ॐकार-जप अक्षय फलदायी)
ऋषिप्रसाद – दिसम्बर २०२१ से
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