पूज्य बापूजी के सत्संग वचनामृत में आता है : “चॉकलेट
से बहुत हानि होती है | इसमें कई रसायन पड़ते हैं | इससे चॉकलेट खानेवाले बच्चों
में मानसिक व्यग्रता, उत्तेजना, अवसाद, क्रोध, सिरदर्द, पेटदर्द, जोड़ों का दर्द और
दाँतों के रोग बढ़ जाते हैं तथा स्वभाव चिडचिडा हो जाता है |
चॉकलेट बनानेवाले आपकी जेब के और आपके बच्चों के
स्वास्थ्य के दुश्मन हैं | इसलिए चॉकलेट बच्चों को भूलकर भी नहीं खिलाना चाहिए |
हमने एक टॉफ़ी ( तुलसी गोली) बनवायी, जिसमें त्रिकुट ( सोंठ, काली मिर्च व पीपर )
है | इसके सेवन से बच्चे के पेट के कृमि मिट जायेंगे, उसको कफ व खाँसी हो तो वे भी
दूर हो जायेंगे, भूख भी अच्छी लगेगी और टॉफी खाने का स्वाद भी आयेगा |”
कई शोधों के बाद वैज्ञानिक भी अब यह बात बोलने लगे
हैं कि चॉकलेट का सेवन कई घातक बीमारियों का कारण है |
चॉकलेट में पायें जानेवाले हानिकारक तत्त्व व उनके
घातक दुष्परिणाम
चॉकलेट में कैफीन, सीसा, कैडनियम, थियोब्रोमाइन,
वैसोएक्टिव एमाईस, सैच्युरेटेड फैट्स व अतिरिक्त शर्करा, थियोफिलिन, ट्रिप्तोफान
जैसे हानिकारक तत्त्व पाये जाने से इसका सेवन कई प्रकार की विकृतियाँ पैदा करता
है, जैसे –
१] बौद्धिक विकास में रुकावट होती है |
२] रक्तचाप बढ़ता है | यकृत, गुर्दों और हड्डियों को
हानि पहुँचती हैं |
३] अपच, पेटदर्द, सिरदर्द, अरुचि, जी मिचलाना, उलटी,
दस्त, अनिद्रा, चिडचिडापन, चक्कर आना, बेचैनी, ह्रदयरोग, मोटापा, दंतक्षय, त्वचा
का लाल होना, पेशाब में कठिनाई, त्वचा पर चकत्ते, साँस लेने में तकलीफ, थकान आदि
समस्याएँ होती है |
अत: हानिकारक द्रव्यों से युक्त चॉकलेट का सेवन करने
की अपेक्षा स्वास्थ्य, स्मृति व बल वर्धक तुलसी गोलियों का सेवन करें | ये तुलसी
के बीज, सोंठ, काली मिर्च, पीपर आदि बहुगुणी औषधियों से युक्त होने से सभीके लिए
लाभदायी है |
ऋषिप्रसाद
– दिसम्बर २०२१ से
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