१७ जनवरी : माघ स्नानारम्भ
२८ जनवरी : षट्तिला एकादशी
(स्नान, उबटन, जलपान, भोजन, दान व होम में तिल के उपयोग से पाप-नाश)
३१ जनवरी : सोमवती अमावस्या ( दोपहर २:१९ से १ फरवरी सूर्योदय तक) (तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता नाश)
५ फरवरी : वसंत पंचमी ( इस दिन
सारस्वत्य मन्त्र का जप विशेष लाभदायी, अधिक-से-अधिक जप करें |)
७ फरवरी : माघ शुक्ल सप्तमी (
प्रात: पुण्यस्नान व व्रत करके गुरु-पूजन करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान के फल व
वर्षभर के रविवार व्रत के पुण्य की प्राप्ति तथा सम्पूर्ण पापों का नाश व
सुख-सौभाग्य की वृद्धि )
९ फरवरी : बुधवारी अष्टमी
(सूर्योदय से सुबह ८:३२ तक)
१२ फरवरी : जया एकादशी (व्रत से
ब्रह्महत्यातुल्य पाप व पिशाच्यत्व का नाश)
१३ फरवरी : विष्णुपदी संक्रान्ति
(पुण्यकाल :सूर्योदय से दोपहर १२.:५३ तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल)
१४ फरवरी : मात्रृ – पितृ पूजन दिवस, माघ शुक्ल त्रयोदशी इस दिन से माघी पूर्णिमा (१६ फरवरी) तक प्रात: पुण्यस्नान तथा दान, व्रत आदि पुण्यकर्म करने से सम्पूर्ण माघ-स्नान का फल |)
ऋषिप्रसाद – जनवरी
२०२२ से
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