लाभ : यह खीर रक्त, बल-वीर्य
वर्धक व उत्तम पित्तशामक है | अनिद्रा, कमजोरी, धातु कि दुर्बलता, सगर्भावस्था,
प्रदररोग, प्रसब के बाद की दुर्बलता और पित्त-प्रकोप से उत्पन्न जलन आदि में
लाभदायी है |
मखाना (कमल बीज) हड्डियों को
मजबूत करता है एवं कब्ज में फायदेमंद है | इसमें विटामिन बी-१ पाया जाता है, जो
मस्तिष्क की कोशिकाओं के कार्यों में मदद करता है | आँखों की कमजोरी, जोड़ों के
दर्द, उच्च रक्तचाप व ह्रदयरोगों में यह हितकर हैं | बुढापे में भी यह लाभदायी है,
त्वचा में झुर्रियाँ नहीं पड़ने देता |
विधि : एक बर्तन में १ छोटा चम्मच
देशी घी हलका-सा गरम करके उसमें थोड़ी-सी खसखस डालकर उसका कच्चापन दूर होने तक थोड़ी
देर सेंक लें | इसमें १ गिलास दूध, थोडा-सा पानी, ५-१० ग्राम मखाना (कमल बीज) और स्वादानुसार मिश्री डालकर धीमी आँच पर ५ मिनट
उबालें | खीर तैयार है |
सुबह गुनगुनी खीर का सेवन करें | खीर खाने के कम-से-कम २
घंटे तक कुछ भी न खायें | इसे बिना मिश्री के मधुमेह में भी ले सकते हैं |
ऋषिप्रसाद – जनवरी
२०२२ से
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