जहाँ तुलसीदल है वहाँ की हवा शुद्ध और पवित्र रहती है | तुलसी को “विष्णुप्रिया” माना गया है | आप भी ये पूजनीय तुलसी का पौधा लगा कर मानव के शारीरिक-मानसिक आरोग्य व अध्यात्मिक उन्नति के सत्कार्य में सहभागी हो जाये |
Ø तुलसी के पत्ते में एक विशिष्ट तेल रहता है | जो जिवानुयुक्त वायु को शुद्ध करता है | इससे मलेरिया के विषाणु भी नष्ट हो जाते है |
Ø तुलसी के पास बैठकर प्राणायम करने से शरीर में शक्ति, बुद्धि और ओज बढ़ जाते है | सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते का रस या ५ – ७ पत्ते चबाकर खा कर ऊपर से पानी पीने से शक्ति, तेज और स्मरणशक्ति बढ़ जाती है |
Ø तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है | तुलसी सौन्दर्यवर्धक व रक्तशोधक है (रक्त शुद्ध करनेवाली) |
Ø तुलसी किडनी की कार्यक्षमता बढाती है | कोलेस्ट्रोल का प्रमाण नियंत्रित कराती है | ह्रदयरोग में तुलसी का आश्चर्यजनक लाभ दिखता है | आँतो के विकारों में भी रामबाण उपाय है |
Ø तुलसी के नित्य सेवन से एसिडिटी नहीं रहती | स्नायु के रोग, सरदर्द, भारीपन, बच्चों को सर्दी, खाँसी, जुलाब, उलटी, जंत (७०% बच्चे के पेट में जंत रहते है |) आदि में लाभदायक है |
सावधानी – अमावश्या, पोर्णिमा, द्वादशी इन दिनों में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिये | रविवार के दिन भी नहीं तोड़ने चाहिये और खाने भी नहीं चाहिये | तुलसी का सेवन करने के बाद दो घंटे आगे या पीछे दूध नहीं पीना |
Ø गले में तुलसी की माला डालने से जीवनशक्ति बढती है | और बहुत सारे रोगों से मुक्ति मिलती है | तुलसी के माला पर भगवन्नाम जप करने कल्याणकारी है |
Ø मृत्यु के समय मृतक के मुँह में तुलसीदल का पानी डालने से वो सर्व पाप से मुक्त होकर वैकुंठ में जाता है |
(ब्रम्हवैवर्त पुराण, प्रकृति खंड :२१.४२ )
- लोक कल्याण सेतु – जुलाई २०१३ से
Ever beneficial - Basil
Wherever one can find Basil shrubs, the air around that place becomes pure and holy. Basil is also extolled as Lord Vishnu's favourite. Even you can benefit from the holy service to mankind by planting a Basil shrub to enhance the physical and mental well being of those around you.
- Basil leaves consist of a special oil which can purify air borne ailments. It can even kill away the germs of malaria.
- Doing pranayam in presence of Basil enhances physical strength, intellect and vigour. Taking extracts of 5-7 Basil leaves or chewing them on an empty stomach in the morning daily along with water helps enhance strength, aura and memory retention.
- Basil has supreme medicinal properties. Basil enhances beauty and purifies blood.
- Basil enhances the strength of kidneys, regulates cholesterol. Basil provides miraculous benefits over heart ailments. It is also a sureshot remedy for intestinal ailments.
- Regular consumption of Basil eradicates acidity. It offers relief from headaches, neural damage, heaviness, children's cough, cold, diarrhoea, vomiting, jant (more than 70% children suffer from jant).
Caution:
- One must never pluck basil leaves on moonless, full moon, twelfth lunar days. One should also never pluck leaves or consume Basil on Sundays. One must never drink milk either two hours before or after taking Basil.
- Wearing Basil necklace enhances life vigour and also offers freedom from numerous ailments. Reciting mantras on Basil rosary is considered very pious.
- During death, putting water from Basil shrubs in the dead person's mouth offers relief from all sins and is established in Vaikuntha, free from sins.
(Brahma Vaivartha Purana, Prakriti Khanda 21.42)
(From Lok Kalyan Setu, July 2013)
Ø तुलसी के पत्ते में एक विशिष्ट तेल रहता है | जो जिवानुयुक्त वायु को शुद्ध करता है | इससे मलेरिया के विषाणु भी नष्ट हो जाते है |
Ø तुलसी के पास बैठकर प्राणायम करने से शरीर में शक्ति, बुद्धि और ओज बढ़ जाते है | सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते का रस या ५ – ७ पत्ते चबाकर खा कर ऊपर से पानी पीने से शक्ति, तेज और स्मरणशक्ति बढ़ जाती है |
Ø तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है | तुलसी सौन्दर्यवर्धक व रक्तशोधक है (रक्त शुद्ध करनेवाली) |
Ø तुलसी किडनी की कार्यक्षमता बढाती है | कोलेस्ट्रोल का प्रमाण नियंत्रित कराती है | ह्रदयरोग में तुलसी का आश्चर्यजनक लाभ दिखता है | आँतो के विकारों में भी रामबाण उपाय है |
Ø तुलसी के नित्य सेवन से एसिडिटी नहीं रहती | स्नायु के रोग, सरदर्द, भारीपन, बच्चों को सर्दी, खाँसी, जुलाब, उलटी, जंत (७०% बच्चे के पेट में जंत रहते है |) आदि में लाभदायक है |
सावधानी – अमावश्या, पोर्णिमा, द्वादशी इन दिनों में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिये | रविवार के दिन भी नहीं तोड़ने चाहिये और खाने भी नहीं चाहिये | तुलसी का सेवन करने के बाद दो घंटे आगे या पीछे दूध नहीं पीना |
Ø गले में तुलसी की माला डालने से जीवनशक्ति बढती है | और बहुत सारे रोगों से मुक्ति मिलती है | तुलसी के माला पर भगवन्नाम जप करने कल्याणकारी है |
Ø मृत्यु के समय मृतक के मुँह में तुलसीदल का पानी डालने से वो सर्व पाप से मुक्त होकर वैकुंठ में जाता है |
(ब्रम्हवैवर्त पुराण, प्रकृति खंड :२१.४२ )
- लोक कल्याण सेतु – जुलाई २०१३ से
Ever beneficial - Basil
Wherever one can find Basil shrubs, the air around that place becomes pure and holy. Basil is also extolled as Lord Vishnu's favourite. Even you can benefit from the holy service to mankind by planting a Basil shrub to enhance the physical and mental well being of those around you.
- Basil leaves consist of a special oil which can purify air borne ailments. It can even kill away the germs of malaria.
- Doing pranayam in presence of Basil enhances physical strength, intellect and vigour. Taking extracts of 5-7 Basil leaves or chewing them on an empty stomach in the morning daily along with water helps enhance strength, aura and memory retention.
- Basil has supreme medicinal properties. Basil enhances beauty and purifies blood.
- Basil enhances the strength of kidneys, regulates cholesterol. Basil provides miraculous benefits over heart ailments. It is also a sureshot remedy for intestinal ailments.
- Regular consumption of Basil eradicates acidity. It offers relief from headaches, neural damage, heaviness, children's cough, cold, diarrhoea, vomiting, jant (more than 70% children suffer from jant).
Caution:
- One must never pluck basil leaves on moonless, full moon, twelfth lunar days. One should also never pluck leaves or consume Basil on Sundays. One must never drink milk either two hours before or after taking Basil.
- Wearing Basil necklace enhances life vigour and also offers freedom from numerous ailments. Reciting mantras on Basil rosary is considered very pious.
- During death, putting water from Basil shrubs in the dead person's mouth offers relief from all sins and is established in Vaikuntha, free from sins.
(Brahma Vaivartha Purana, Prakriti Khanda 21.42)
(From Lok Kalyan Setu, July 2013)
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