पत्तागोभी कफ - पित्तनाशक, वायुवर्धक व ह्रदय के लिए हितकर है | यह ह्रदय की
कमजोरी, त्वचारोग, अम्लपित्त, पाचन तथा मूत्र संबंधी तकलीफों में लाभदायी है |
भोजन में इसका नियमित प्रयोग वजन कम करने में बहुत कारगर है | विटामिन ‘सी’ व
सल्फर प्रचुर मात्रा में होने से यह रोगप्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाती है |
रेशे अधिक मात्रा में होने से यह कब्जियत में बहुत उपयोगी है | सलाद के रूप
में पत्तागोभी को प्रतिदिन कच्चा खाने से पुराने कब्ज से भी छुटकारा मिलता है |
पाचनतंत्र की अन्य समस्याओं में भी यह लाभकारी है |
पत्तागोभी में एक ऐसा क्षार – तत्त्व है जो कार्बोहाइड्रेट और शर्करा को वसा
में बदलने से रोकता है | इसलिए इसके प्रयोग से मोटापे से बचाव होता है | यह
रक्ताल्पता में लाभदायी एवं रक्तशोधक भी है |
पत्तागोभी के फायदे
१] यह सब्जी तंत्रिका – तंत्र व मस्तिष्क को क्रियाशील बनाती है | कैंसर को
रोकती है व ठीक करने में मदद करती है |
२] हड्डियों के क्षय व उच्च रक्तचाप से बचाती है | त्वचा व आँखों को स्वस्थ
रखती है |
३] ५० ग्राम पत्तागोभी प्रतिदिन चबाकर खाने से बालों की तेजी से वृद्धि होती
है व बाल टूटने बंद हो जाते हैं |
४] इसके निरंतर उपयोग से शरीर में संचित विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने में
मदद मिलती है | कुछ दिनों तक इसकी सब्जी खाने से अनिद्रा में लाभ होता है |
५] १ कप पत्तागोभी के रस में १ चम्मच शहद व चौथाई चम्मच जीरा – चूर्ण मिलाकर
प्रात: पीने से ह्रदय की दुर्बलता के कारण सीढ़ियाँ चढ़ते समय दम फूलना, धडकन तेज
होना, छाती में दर्द होना, भारीपन लगना आदि में फायदा होता है | एक – दो महीने तक
यह प्रयोग करें |
६] पायरिया में गोभी के रस से कुल्ला करके दाँत व मसूड़ों पर तिल के तेल से
मालिश करने से लाभ होता है |
७] पत्तागोभी का १०० ग्राम रस २ – ३ बार पीने से पेट के अल्सर से उत्पन्न दर्द
शीघ्र नष्ट होता है | अल्सर का घाव भरने में भी मदद मिलती है |
८] पाचनशक्ति कमजोर होने से शरीर का भार घटता जा रहा हो तो इसके रस में गाजर
का रस मिलाकर पियें | इससे यकृत ( लीवर ) व आँतों को बल मिलता है | शरीर को शुद्ध
करने की प्रक्रिया बड़ी तेजी से होती है |
सावधानी :
१] पत्तागोभी की सब्जी अधिक मात्रा में खाने से गुर्दे (किडनी) के रोगियों को
मुत्रावरोध होता है |
२] अधिक सेवन से पेट में भारीपन लगे तो भोजन के बाद थोड़ी – सी अजवायन व सौंफ
खायें |
३] सब्जी बनाते समय हींग का छौंक लगाने से सेवन के बाद वायु की तकलीफ नहीं
होती |
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स्त्रोत
– लोककल्याण सेतु – सितम्बर – २०१६ से
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