१५ अक्टूबर : शरद पूर्णिमा (रात्रि
में चन्द्रमा की किरणों में रखी हुई दूध – चावल की खीर का सेवन पित्तशामक व
स्वास्थ्यवर्धक है | इस रात को सूई में धागा पिरोने से नेत्रज्योति बढ़ती है | )
२३ अक्टूबर : रविपुष्यामृत योग ( सूर्योदय से रात्रि ८-४० तक )
२६ अक्टूबर : रमा एकादशी ( यह व्रत बड़े – बड़े पापों को हरनेवाला, चिन्तामणि
तथा कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है | ), ब्रह्मलीन श्री माँ
महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस
२८ अक्टूबर : धनतेरस (इस दिन घर के द्वार पर दीपदान करने से अपमृत्यु का भी
नहीं होता |)
२९ अक्टूबर : नरक चतुर्दशी (इस दिन शाम की संध्या एवं रात्रि में मंत्रजप करने
से मंत्र सिद्ध होता है |)
३० अक्टूबर : दीपावली ( रात्रि में किया गया जप – तप, ध्यान – भजन अनंत गुना
फल देता है | )
३१ अक्टूबर : नूतन वर्षारम्भ ( गुजरात ), बलि प्रतिपदा ( पूरा दिन शुभ
मुहूर्त, सर्व कार्य सिद्ध करनेवाली तिथि )
स्त्रोत
– लोककल्याण सेतु – सितम्बर – २०१६ से
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