शलगम का साग, सलाद व सूप के रूप में उपयोग किया जाता है | यह एंटीऑक्सीडेंट,
खनिज लवण ( कैल्शियम, लौह, ताँबा आदि ), विटामिन्स (बी, सी ) व रेशे का अच्छा
स्त्रोत है | आधुनिक शोधों के अनुसार ‘शलगम के सेवन से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती
है तथा कैंसर, सूजन, मोटापा, मधुमेह, ह्रदयरोगों से बचाव होता है | उससे उच्च
रक्तचाप कम करने में मदद मिलती है | पेट तथा पाचन के विकारों में बहुत ही लाभदायक
है | पेट साफ़ रहता है, कब्जियत दूर होती है |’
१] कच्चा शलगम चबा के खाने से दाँत व मसूड़े मजबूत होते हैं |
२] जिसका ह्रदय कमजोर हो, उसे कच्चा शलगम चबा – चबा के खाना चाहिए | सूप के
रूप में भी उपयोग कर सकते हैं |
३] मधुमेह के रोगियों को लाभदायक है | इससे रक्ताल्पता भी दूर होती है |
४] शलगम को उबाल के उस पानी में पैर रख के बैठने से पैरों की सूजन व बिवाइयों
से राहत मिलती है |
५] मुत्रावरोध में शलगम व मूली का रस मिला के पीने से मूत्र खुल के निष्कासित
होने लगता है |
६] गला बैठने पर तथा गाने और भाषण देनेवालों के लिए शलगम का साग लाभदायक है |
७] हड्डियों का विकास ठीक से होता है | जिन बच्चों की हड्डियाँ कमजोर हो
उन्हें गाजर के रस के साथ शलगम का रस मिला के देने से लाभ होता है |
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१६ से
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