६ नवम्बर : रविवारी सप्तमी ( दोपहर १२:१७ से ७ नवम्बर सूर्योदय तक )
९ नवम्बर : अक्षय –आँवला नवमी ( इस दिन किया हुआ जप – ध्यान आदि पुण्यकर्म
अक्षय होता है | आँवले के वृक्ष के नीचे बैठकर जप, पूजन करें |)
११ नवम्बर : त्रिस्पृशा देवउठी – प्रबोधिनी एकादशी ( इस दिन उपवास करने से
१००० एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है | जप, होम, दान सब अक्षय होता है | इस
दिन गुरु का पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं व भगवान विष्णु की कपूर से आरती
करने पर अकाल मृत्यु नहीं होती | )
१६ नवम्बर : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२:२४ तक ) (
विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप – ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है
| - पद्म पुराण )
२० नवम्बर : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से रात्रि १:५८ तक )
२५ नवम्बर : उत्पत्ति एकादशी ( व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति
होती है | - पद्म पुराण )
२८ नवम्बर : सोमवती अमावस्या ( दोपहर ३:२१ से २९ नवम्बर सूर्योदय तक )
स्त्रोत – लोककल्याण सेतु – आक्टोबर २०१६ से
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