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Wednesday, October 26, 2016

इन तिथियों का लाभ लेना न भूलें



६ नवम्बर : रविवारी सप्तमी ( दोपहर १२:१७ से ७ नवम्बर सूर्योदय तक )

९ नवम्बर : अक्षय –आँवला नवमी ( इस दिन किया हुआ जप – ध्यान आदि पुण्यकर्म अक्षय होता है | आँवले के वृक्ष के नीचे बैठकर जप, पूजन करें |)

११ नवम्बर : त्रिस्पृशा देवउठी – प्रबोधिनी एकादशी ( इस दिन उपवास करने से १००० एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है | जप, होम, दान सब अक्षय होता है | इस दिन गुरु का पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं व भगवान विष्णु की कपूर से आरती करने पर अकाल मृत्यु नहीं होती | )

१६ नवम्बर : विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२:२४ तक ) ( विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप – ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | - पद्म पुराण )

२० नवम्बर : रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से रात्रि १:५८ तक )

२५ नवम्बर : उत्पत्ति एकादशी ( व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है | - पद्म पुराण )

२८ नवम्बर : सोमवती अमावस्या ( दोपहर ३:२१ से २९ नवम्बर सूर्योदय तक )


स्त्रोत – लोककल्याण सेतु – आक्टोबर २०१६ से    

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