आधा घंटा ॐकार के गुंजन के साथ एकटक इष्ट या गुरुदेव के श्रीचित्र को देखते
रहो |
तो आपको एक सप्ताह में ऐसी धृति ( धैर्य; ग्रहण या धारण क्षमता ) प्राप्त होगी कि व्यावहारिक विघ्न-बाधाओं और प्रलोभनों से आप प्रभावित न रहकर अपने आत्मा-परमात्मा के उद्देश्य में टिके रहोगे |
तो आपको एक सप्ताह में ऐसी धृति ( धैर्य; ग्रहण या धारण क्षमता ) प्राप्त होगी कि व्यावहारिक विघ्न-बाधाओं और प्रलोभनों से आप प्रभावित न रहकर अपने आत्मा-परमात्मा के उद्देश्य में टिके रहोगे |
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१६ से
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