Search This Blog

Wednesday, March 6, 2019

विद्यार्थी अपने उत्तम स्वास्थ्य के लिए


क्या करें
१] मुख खुला रखना दुर्बल चरित्र का चिन्ह तो है ही, इससे फेफड़े भी खराब होते हैं अत: श्वास सदा नाक से ही लेना चाहिए |
२] समतल व कड़े बिस्तर पर सोने से पाचनक्रिया ठीक रहती है | रात्रि को बायीं करवट ले के सोना चाहिए |
३] मालिश के समय पहले नाभि में तेल लगायें तथा पैरों के अंगूठों व तलवों की अच्छे-से मालिश करें, इससे नेत्र सुरक्षा होती है |
४] सत्संग, ध्यान, प्रार्थना आध्यात्मिक उन्नति व सर्वांगीण विकास के राजमार्ग हैं | इनसे चिंता, भय, अशांति सहज में ही मिटती हैं |

क्या न करें
१] लेट के, झुककर, कम प्रकाश में व किताब नेत्रों के खूब पास ला के पढना हानिकारक है |
२] पेट के बल सोने से श्वसन तंत्र व पाचनक्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है | मुख ढक के सोने से बुद्धि मंद होती है | दिन को न सोयें ( यदि लेटना जरूरी हो तो दायी करवट लेटें |)
३] बिना सोचे-समझे जोश में आ के कार्य करने से नस-नाड़ियों का संतुलन बिगड़कर रोगों की उत्पत्ति होती है |
४] चिंता करने से नाड़ियों की शक्ति क्षीण हो जाती है | योग्यता का ह्रास, बुद्धि का नाश तथा स्वास्थ्य की हानि होती हैं |

ऋषिप्रसाद – मार्च २०१९ से

No comments: