२८ मार्च - भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज प्राकट्य दिवस
१ अप्रैल -
पापमोचनी एकादशी (व्रत करने पर पापराशि का विनाश )
२ अप्रैल -
वारुणी योग (सुबह ८-३९ से रात्रि १२-४९ तक) (गंगा आदि तीर्थ में स्नान, दान, उपवास १०० सूर्यग्रहणों के समान फलदायी )
६ अप्रैल -
गुडी पाडवा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारंभ, चेटीचंड
९ अप्रैल -
मंगलवारी चतुर्थी ( सूर्योदय से शाम ४-०७ तक )
१४ अप्रैल -
श्रीराम नवमी (भागवत) (इस दिन व्रत, जप, तप आदि करनेवाले की अनेक जन्मों की पापराशि भस्मीभूत हो जाती है एवं उसमें इन्द्रिय-संयम का
गुण विकसित होने लगता है |), संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह १०-१० से शाम ६ -११),
रविपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह ७-४० )
१६ अप्रैल -
कामदा एकादशी (ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाशक व्रत )
१९ अप्रैल से १८ मई – वैशाख मास व्रत (इसमें जो
भक्तिपूर्वक दान, जप, हवन, स्नान आदि शुभ कर्म किये जाते हैं, उनका पुण्य अक्षय
तथा १०० करोड़ गुना अधिक होता है | -पद्म पुराण )
ऋषिप्रसाद – मार्च २०१९ से
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