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Friday, February 28, 2020

अरंडी तेल से कैसे उठायें लाभ




आयुर्वेद के अनुसार अरंडी का तेल केवल विरेचक ही नहीं अपितु शरीर की सभी धातुओं पर उत्तम कार्य करनेवाला भी है | यह उष्ण, तीक्ष्ण, तीखा, कसैला, उत्तम वातनाशक व पचने में भारी है | यह जठराग्नि, स्मृति, मेधा, कांति, बल-वीर्य और आयुष्य को बढ़ानेवाला एवं युवावस्था को प्रदीर्घ रखनेवाला तथा रसायन और ह्रदय के लिए हितकर है |

नियमित सेवन से होनेवाले लाभ

१] रात को १०० मि.ली.पानी में १ से २ ग्राम सोंठ डालकर उबलने रख दें | ५० मि.ली. रहने पर उतार लें | गुनगुना रहने पर इसमें २ – ४ चम्मच अरंडी तेल मिला के पियें | अथवा रोटी बनाते समय १ व्यक्ति के लिए १ से २ चम्मच अरंडी तेल आटे में मिलाकर आटा गूँधें | इस प्रकार बनी रोटियाँ खायें |

उपरोक्त प्रयोग कई बीमारियों में लाभकारी है, विशेषरूप से आमवात (गठिया), कमरदर्द एवं कब्ज वालों के लिए यह बहुत उपयोगी है |

२] अरंडी तेल के नियमित सेवन से मुत्रावरोध, अंडवृद्धि, अफरा, वायुगोला, दमा, चर्मरोग, रक्ताल्पता, कमरदर्द आदि रोगों में लाभ होता है |

३] यह योनिगत व शुक्रगत दोषों, मलाशय व मूत्राशय के दोषों तथा रक्तदोषों को हरता है |

४] घाव को जल्दी भरकर संक्रमण होने से बचाता है |

५] सिरदर्द अथवा तलवों में होनेवाली जलन में अरंडी तेल की प्रभावित स्थान पर मालिश लाभदायी है |

स्वास्थ्यप्रद सरल घरेलू नुस्खे

१] जोड़ों की तकलीफें व आमवात : १० से २० मि.ली. गोमूत्र अर्क में समभाग पानी तथा २ – ४ चम्मच अरंडी तेल मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से आमवात में लाभ होता है | जोड़ों की अकडन, सूजन और दर्द कम होते है |

२] गृध्रसी (सायटिका) : १० से २० मि.ली. गोमूत्र अर्क में समभाग पानी तथा एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर रोज सुबह-शाम लेने से आराम होता है |

३] बवासीर, कब्जियत व अपेंडिसाइटिस : ५ ग्राम त्रिफला चूर्ण को १ कटोरी पानी में उबालें | चौथाई भाग पानी शेष रहने पर छान के उसमें २ – ४ चम्मच अरंडी तेल मिला के पियें | इससे कब्जियत दूर होकर बवासीर में आराम मिलता है | इस प्रयोग से पाचक रस बनता है और अपेंडिक्स के दर्द में भी राहत मिलती है | 


अरंडी तेल में घृतकुमारी का रस मिलाकर लगाने से बवासीर की जलन व दर्द कम होते हैं |

सावधानी : अरंडी तेल का सेवन अल्प मात्रा में ही करना चाहिए | छोटे बच्चे, गर्भवती तथा स्तनपान करानेवाली महिलाएँ अरंडी तेल का सेवन न करें |


लोककल्याणसेतु – फरवरी २०२० से

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