६ मार्च : आमलकी
एकादशी (व्रत करके आँवले के वृक्ष के पास रात्रि – जागरण, उसकी १०८ या
२८ परिक्रमा
करनेवाला सब पापों से छूट जाता है और १००० गोदान का फल प्राप्त करता है |)
९ मार्च : होलिका
दहन (रात्रि – जागरण, जप, मौन और ध्यान बहुत ही फलदायी होता है |)
१४ मार्च : षडशीति
संक्रांति (पुण्यकाल: दोपहर ११:५५ से शाम ६:१९ तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का फल
८६,००० गुना होता है | - पद्म पुराण )
१५ मार्च :
रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से १६ मार्च प्रात: ३:२० तक )
१६ मार्च :
भगवत्पाद साँई श्री लीलाशाहजी महाराज का प्राकट्य दिवस
२० मार्च : पापमोचनी
एकादशी (व्रत करने पर पापराशि का विनाश हो जाता है |)
ऋषिप्रसाद
– फरवरी २०२० से
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