खाँसी, सर्दी – कफ
होने पर अंग्रेजी गोलियाँ लेकर जो कफ मिटाते हैं उनका कफ सूख जाता है | फिर उसके
बारीक कण इकट्टे हो जाते हैं, जो नाड़ियों में अवरोध (blockage), ह्रदयाघात (heart attack), ब्रेन ट्यूमर, कमर या
शरीर के अन्य किसी भाग का ट्यूमर आदि का कारण बनता है | यह भविष्य में टी. बी.,
दमा, कैंसर जैसे गम्भीर रोग भी उत्पन्न कर सकता है | सर्दी मिटाने के लिए ली
जानेवाली अंग्रेजी गोली भविष्य में भयंकर बीमारियों को जन्म देती है तथा असहनीय
पीड़ाएँ पैदा करती है | भूलकर भी बच्चों को इन गोलियों के गुलाम मत बनाओ, न स्वयं
बनो |
यौगिक प्रयोग :
सूर्यभेदी प्राणायाम
कफ मिटाना हो तो
दायें नथुने से श्वास लेकर रोकें और ‘रं... रं... रं... रं...’ इस प्रकार मन में
जप करें और ‘कफनाशक अग्नि देवता का प्राकट्य हो रहा है’ ऐसी भावना करें | श्वास ६०
से १०० सेकंड तक रोक सकते हैं फिर बायें नथुने से धीरे – धीरे छोड़ दें | यह प्रयोग
खाली पेट सुबह – शाम ३ से ५ बार करें | कफ – संबंधी गडबड छू हो जायेगी !
गजकरणी
सुबह एक से सवा
लिटर गुनगुना पानी लो | उसमें १० – १२ ग्राम सेंधा नमक डाल दो | वह पानी पंजों के
बल बैठकर पियो और दाहिने हाथ की दो बड़ी उँगलियाँ मुँह में डाल के वमन करो, पानी
बाहर निकाल दो | इससे कफ का शमन होता है |
कफशमन हेतु
आयुर्वेदिक उपाय
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उष्णोदक – पान
एक लीटर पानी को
इतना उबालें कि २५० मि.ली. बचे | गुनगुना रहने पर पिलायें | बच्चों को एकदम जादुई
फायदा कर देगा | कोई दवा की जरूरत नहीं, कफ सिरप की भी जरूरत नहीं |
विशेष सावधानी :
खाँसते हैं तो कफ आता है और फिर कई लोग उसको निकल जाते हैं | कफ आये तो निगलना
नहीं चाहिए, नुकसान करता है | जिसको कफ आता हो उसको कुछ दिन तक लस्सी, छाछ, दही,
दूध व मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए |
ऋषिप्रसाद
– फरवरी २०२० से
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