भगवान श्रीहरि
कहते हैं : “जो अशुद्ध ह्रदयवाला, क्रूर, हिंसक, दूसरों की निंदा करनेवाला होता
है, उसके घर से भगवती लक्ष्मी चली जाती हैं |
जो नखों से
निष्प्रयोजन तिनका तोड़ता है अथवा नखों से भूमि को कुरेदता रहता है उसके घर से मेरी
प्रिय लक्ष्मी चली जाती हैं |
जो सूर्योदय के
समय भोजन, दिन में शयन तथा दिन में मैथुन करता है उसके यहाँ से मेरी प्रिया
लक्ष्मी चली जाती हैं |” (श्रीमद्
देवी भागवत )
ऋषिप्रसाद
– फरवरी २०२० से
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