अपने जीवन में उचित उद्द्यम हो | सुबह नींद में से उठो न, तो थोड़ी देर चुप
बैठो | फिर मन में बोलो, ‘जिस भगवान की शक्ति से मन की, बुद्धि की पुष्टि हुई है,
मै उस भगवान का चिंतन करता हूँ.....ॐ .....ॐ ....|’ दोनों भौंहों के बीच में मन से
सद्गुरु या ॐ को देखो और ॐकार का मानसिक जप करो | यह उद्द्यम शुरू में ५ मिनट करो
फिर बढ़ाते जाओ, फिर देखो किसी भी क्षेत्र में भक्ति में, साधना में, पढ़ाई में ....
सबमें आगे बढ़ते जाओगे |
और रात को सोते समय भगवान को प्रार्थना करो की ‘प्रभु ! हमारे जीवन में
उद्द्यम, साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति, पराक्रम दें | हम संसार में भी सफल होंगे और
तुमको भी पायेंगे प्रभु ! हरि ॐ ..... ॐ .....
ऋषिप्रसाद – जून २०२० से
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