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Tuesday, June 16, 2020

इससे धन्य हो जायेंगे


भगवान की कृपा से जिनके जीवन में ऐसा भाग्योदय हुआ है कि ब्रह्मवेत्ता श्रीगुरु मिले हैं अथवा किन्हीं ब्रह्मवेत्ता संत में श्रद्धा हुई हैं, वे सर्वात:करण से श्रीगुरु की शरण लें, उनके बालक बनकर अनन्य भाव से उनकी सेवा करें इससे धन्य हो जायेंगे, कृतकृत्य हो जायेंगे |

तीन काम बड़े महत्त्व के हैं : 
१] प्राणिमात्र पर दया करके उनके दुःखों को दूर करना |
२] निर्बलों और असहायों की सहायता करना और 
३] शत्रु को भी दुःख तथा निंदा से बचाना |


ऋषिप्रसाद – जून २०२० से

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